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दिल्ली में बन रहे थे इन ब्रांड्स के नकली CPVC पाइप, कहीं आपको भी तो नहीं लगा चूना | ताजा खबर


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अभियान में नकली CPVC पाइप बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री प्रसिद्ध ब्रांडों जैसे सुप्रीम, एस्ट्रल, प्रिंस और आशीर्वाद के नकली पाइप बना रही थी। इस कार्रवाई में फैक्ट्री के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है और भारी मात्रा में नकली पाइप तथा उन्हें बनाने वाली मशीनें जब्त की गई हैं।

क्राइम ब्रांच की NR-II टीम को कंझावला, रोहिणी जिले में एक अवैध फैक्ट्री के बारे में सूचना मिली थी। इस सूचना पर  कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने विष्णु गार्डन, दिल्ली के रहने वाले प्रभ दीप सिंह (29) को गिरफ्तार कर लिया, जो इस फैक्ट्री का मैनेजर था। पुलिस ने मौके से 1438 नकली पाइप और 6520 नकली एल्बो बरामद किए, जिन पर इन बड़े ब्रांडों के लोगो लगे हुए थे। इसके अलावा, नकली उत्पाद बनाने और उन पर ब्रांड का लोगो छापने के लिए इस्तेमाल होने वाली डाई और एक इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटिंग मशीन भी जब्त की गई है।

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गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की कार्रवाई

क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना के बाद मिली थी, जिसमें बताया गया कि नकली CPVC पाइप बनाये जा रहे हैं। इसके बाद कंझावला गांव स्थित फैक्ट्री पर छापा मारने के दौरान पुलिस ने पाया कि सादे PVC पाइपों पर अवैध रूप से सुप्रीम पाइप्स, प्रिंस पाइप्स, आशीर्वाद और एस्ट्रल पाइप्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों के लोगो लगाए जा रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने BNS 318 और कॉपीराइट अधिनियम 63 के तहत पीएस क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया।

प्रभ दीप सिंह अपनी पत्नी के साथ विष्णु गार्डन दिल्ली में रहता है और वह इस अवैध निर्माण इकाई में मैनेजर के रूप में काम कर रहा था। वह इस अवैध काम की देखरेख करता था और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए वे रात के घंटों में काम करते थे।

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छापेमारी के दौरान क्या-क्या हुआ बरामद?

  • आशीर्वाद पाइप्स के नाम से लेबल किए गए 1242 पाइप
  • प्रिंस पाइप्स के नाम से लेबल किए गए 92 पाइप
  • सुप्रीम पाइप्स के नाम से लेबल किए गए 67 पाइप
  • एस्ट्रल पाइप्स के नाम से लेबल किए गए 6520 एल्बो
  • ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 2 डाई
  • 1 इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटिंग मशीन

पुलिस ने बताया कि आगे की जांच जारी है ताकि इस नकली विनिर्माण और वितरण सिंडिकेट में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके।