बोर्ड टॉपर्स से मिले मनीष सिसोदिया, कहा- बच्चों की आंखों में देखी उम्मीदों की चमक – Manish Sisodia met board toppers, said
Manish Sisodia: सीबीएसई बोर्ड में शानदार प्रदर्शन करने वाले बच्चों से मिलकर उनको सम्मानित करने की परंपरा को जारी रखते हुए दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सीबीएसई बोर्ड के 10वीं-12वीं के टॉपर्स से मुलाक़ात की और बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी। आम आदमी पार्टी के विधायक अपने-अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को साथ लाए थे और मनीष सिसोदिया से मुलाकात कराई। इस दौरान बच्चों ने मनीष सिसोदिया से कहा कि आपने सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया।
सीएम ने नहीं दी बधाई- मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीएसई रिजल्ट आए 8 दिन हो गए, लेकिन अफसोस, दिल्ली की मुख्यमंत्री ने अब तक अपने ही सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को बधाई देना ज़रूरी नहीं समझा। इतनी बेरुख़ी? इतनी बेपरवाही? बच्चों ने सालभर मेहनत की। परिवारों ने सपने संजोए और मुख्यमंत्री साहिबा को इतनी भी फुर्सत नहीं कि एक फ़ोन कर दें? इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने अब तक पास प्रतिशत और टॉपर्स के नाम तक घोषित नहीं किए।
सरकारी स्कूलों के 10-12वीं के टॉपर्स से मिले मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि 2015 से हर साल, उसी दिन नाम घोषित होते थे। मैं और मुख्यमंत्री दोनों बच्चों को बधाई देते थे। दो-तीन दिन के भीतर मुख्यमंत्री खुद कई टॉपर्स को अपने घर बुलाते थे, मिलते थे और उनके घर जाकर बधाई देते थे। सभी स्कूलों के टॉपर्स को उनके पैरेंट्स और टीचर्स के साथ त्यागराज स्टेडियम में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। लेकिन आज सत्ता की कुर्सी इतनी बड़ी हो गई है कि बच्चों की मेहनत, उनका जज़्बा, उनके सपने, सब छोटे लगने लगे हैं। दिल्ली के नए हुक्मरान बच्चों की आंखों में झांकने से डरते हैं। ये संवेदनहीनता नहीं, सियासी पतन है।
इस मौके पर टॉपर्स को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “आप सभी बच्चों ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत खुद का, अपने स्कूल का, अपने पेरेंट्स का और पूरी दिल्ली का मान बढ़ा रहे है।”
शिक्षा पर निवेश का असर अब बच्चों की तरक्की में दिखेगा- सिसोदिया
आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “2015 में दिल्ली में सरकारी स्कूल जर्जर हाल में होते थे। क्लासरूम में डेस्क नहीं, ब्लैकबोर्ड नहीं, पंखे नहीं, टूटी दीवारें-खिड़कियां और बदहाल टॉयलेट सरकारी स्कूल का पर्याय बन चुके थे। लेकिन हमने सरकारी स्कूलों को बदलने का काम किया। स्कूलों को शानदार बनाया और बच्चों की बेहतर पढ़ाई पर निवेश किया, मेहनत की और आज आप बच्चों के शानदार रिजल्ट के रूप में, आपकी तरक्की के रूप में उसका परिणाम सभी के सामने है।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “बोर्ड रिजल्ट के बाद बच्चों से मुलाकात करना 10 साल से चलती आ रही हमारी परंपरा का हिस्सा है। बेशक आज मैं शिक्षा मंत्री नहीं हूं लेकिन मनीष सिसोदिया बनकर ही इस परंपरा को कायम रखा है और ये आगे भी जारी रहेगा।”
टॉपर्स ने क्या कहा?
न्यू कोंडली के सरकारी स्कूल से दसवीं में शानदार प्रदर्शन करने वाली छात्रा मनीष सिसोदिया से मिलकर रो पड़ी और कहा कि, “आपके सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा बना दिया है।” उसने साझा किया कि, “मुझे यूपीएससी करनी है और इसके लिए मैंने अभी से मेहनत शुरू कर दी है। घर की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है, पिताजी सिलाई का काम करते हैं लेकिन कभी भी मेरे पैरेंट्स ने अपना हाथ पीछे नहीं खींचा और मुझे हमेशा पढ़ाई में सपोर्ट किया। साथ ही मेरे टीचर्स ने भी हर मौके पर मुझे सपोर्ट किया।”
12वीं में शानदार प्रदर्शन करने वाली सिया ने साझा किया कि, “आगे की पढ़ाई के बाद मुझे बैंकिंग सेक्टर में जाना है और लोगों को जागरूक करना है कि कैसे वो अपने फंड्स को बेहतर ढंग से निवेश कर सकते हैं।”
वीर सावरकर सर्वोदय स्कूल से 10 वीं में शानदार प्रदर्शन करने वाली एक छात्रा ने साझा करते हुए कहा कि, “मुझे बोर्ड में अच्छे मार्क्स मिले लेकिन मेरा मानना है कि जीवन में मार्क्स से ज्यादा ये मायने रखता है कि आपने क्या-क्या सीखा और कितना सीखा है।”
12 वीं में शानदार प्रदर्शन करने वाले अंश कुमार राय ने कहा कि, “मेरे पिताजी ड्राइवर है और मां हाउसवाइफ है लेकिन उन दोनों ने हमेशा मुझे पढ़ाई में सपोर्ट किया। मैं आगे सीए बनकर अपनी फ़मिली को सपोर्ट करना चाहता हूं।”
एक अन्य छात्रा ने साझा किया कि, “मेरे पिताजी दैनिक मजदूर है, मुझे पढ़ाई को लेकर कई बार आर्थिक बाधाओं का सामना करना पड़ा लेकिन मैंने मेहनत करना जारी रखा। छात्र ने कहा कि, “मैं यूपीएससी की तैयारी करूँगी और अधिकारी बनकर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की मदद करूंगी।”
पैरेंट्स ने क्या कहा?
एक पैरेंट्स ने साझा करते हुए बताया कि, “मुझे बिज़नेस में काफी नुकसान हुआ जिस कारण मैंने अपनी बच्ची का सरकारी स्कूल में दाखिला करवाया और जब पहली बार स्कूल में गया तो वो सरकारी स्कूल मुझे किसी बड़े प्राइवेट स्कूल से कम नहीं लगा। उन्होंने कहा कि, सरकारी स्कूलों के बच्चों पर किसी का ध्यान नहीं होता लेकिन अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों का कायापलट ही कर दिया जिस कारण बच्चे शानदार प्रदर्शन कर रहे है। इस बार बेशक दिल्ली के लोगों से गलती हो गई लेकिन हम अपनी गलती सुधारेंगे।”
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एक अन्य पेरेंट्स ने साझा किया कि, “हमें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है कि मनीष सिसोदिया वो इंसान जिसने पूरे एजुकेशन सिस्टम को बदल दिया ने हमें आज मिलने को बुलाया है।”
इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “आप बच्चों की मेहनत और कॉन्फिडेंस देखकर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। ये शिक्षा क्रांति पर की गई मेहनत का फल है जो आज आपके शानदार प्रदर्शन के रूप में पूरी दिल्ली को मिल रहा है।”
उन्होंने बच्चों का आत्मविश्वास और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, “आप युवा इस देश का भविष्य हैं। आप सभी इसी तरह मेहनत करते रहें और भारत का नाम रौशन करें।”
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को सम्मानित किया, कहा- बच्चों की मेहनत और सपने ही असली प्रेरणा हैं। pic.twitter.com/LOF7b2pr26
— Namrata Mohanty (@namrata0105_m) May 21, 2025
मनीष सिसोदिया ने एक्स पर शेयर किया पोस्ट
मनीष सिसोदिया ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा कि, “आज दिल्ली के कुछ सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के साथ थोड़ी गपशप हुई। 10वीं और 12वीं के ये होनहार बच्चे, जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, इनकी आंखों में बड़े-बड़े सपने हैं और मुझे गर्व है कि 2015 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जो शिक्षा क्रांति शुरू की थी, आज उसकी फसल लहरा रही है। सपनों की, उम्मीदों की, आत्मविश्वास की। इन बच्चों की आंखों में देख कर सुकून मिलता है कि हां, अगर सरकार ईमानदारी से शिक्षा पर ध्यान दे तो किसी गरीब का बच्चा भी दुनिया की किसी भी बुलंदी तक पहुंच सकता है। 2015 से ही हर साल मैं और केजरीवाल दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टॉपर्स से मिलते थे, उन्हें सम्मानित करते थे, आशीर्वाद देते थे। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, एक संदेश था, कि सरकार का सबसे बड़ा काम शिक्षा है। उम्मीद थी कि भाजपा की नई सरकार कम से कम इस परंपरा को ज़िंदा रखेगी। लेकिन अफसोस भाजपा है और शिक्षा से इनका क्या लेना-देना।”
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