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क्राइम ब्रांच ने 13 बांग्लादेशी नागरिकों को दिल्ली से पकड़ा, 2 साल पहले आए थे भारत


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। दरअसल, क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत शहर से 13 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बांग्लादेशियों को उत्तरी दिल्ली के औचंदी गांव से गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी वैध दस्तावेजों के बिना यहां रह रहे थे। पुलिस इन बांग्लादेशियों के पास से अवैध पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने बताया कि इन सभी को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मुखबिर से मिली थी सूचना

पुलिस के मुताबिक एसीपी उमेश बर्थवाल के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। इसके बाद स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर टीम ने इन अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ने का जाल बिछाया। इस पूरी कार्रवाई की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि हेड कांस्टेबल राजबीर को 13 मई 2025 को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ बांग्लादेशी अवैध अप्रवासी दिल्ली के औचंदी गांव में रहने की जगह तलाश रहे हैं। इसके साथ पुलिस टीम ने इलाके की घेराबंदी की और 15 मई 2025 को 13 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में सफलता हासिल की।

अवैध बांग्लादेशियों की पहचान

गिरफ्तार हुए व्यक्तियों ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वे बांग्लादेश से यहां आए हैं। इन लोगों की पहचान मोहम्मद रफीकुल (50), उनकी पत्नी खतेजा बेगम (41), मोहम्मद अनवर हुसैन (37), मोहम्मद अमीनुल इस्लाम (28), उनकी पत्नी जोरिना बेगम (27), अफरोजा खातून (25), मोहम्मद खाखोन (20), उनकी पत्नी हसना (19) और 5 नाबालिग बच्चे शामिल हैं। ये सभी लोग बांग्लादेश के जिला खुदीग्राम के गांव खुशवाली के रहने वाले हैं।

2 साल पहले ऐसे आए थे भारत

पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे लगभग दो साल पहले भारत आए थे, इसमें उनकी मदद बांग्लादेश के रहने वाले जलील अहमद नाम के एक व्यक्ति ने की थी। उन्होंने बस से अपने गांव से यात्रा शुरू की और भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर पहुंचे। वहां से, ये लोग बिना बाड़ वाले खेतों के रास्ते सीमा पार कर गए। फिर कूच बिहार रेलवे स्टेशन तक एक ऑटो रिक्शा किराए पर लिया। उनका एजेंट, जलील अहमद, कूच बिहार से बांग्लादेश लौट गया, जबकि वे ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वे बस से हरियाणा के खरखोदा पहुंचे, जहां उन्होंने गांव सिसाना, खरखोदा, हरियाणा में स्थित एक ईंट भट्ठे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।