दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी को गुजारे भत्ते से जुड़े एक केस में बड़ा फैसला सुनाया है। पति से अलग रहने वाली पत्नी ने गुजारे भत्ते की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पति के हक में फैसला सुनाया और पत्नी को गुजारा भत्ते का हकदार नहीं मिला। क्योंकि पत्नी के किसी और के साथ अवैध संबंध थे। फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की अवैध संबंध रखने वाली महिला पति से गुजारा भत्ता लेने की हकदार नहीं है।
अवैध संबंध न होते से गुजारा भत्ता मिलता
हाईकोर्ट के जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि गुजारा भत्ता मांगने वाली पत्नी एक तो पति से अलग रहती है और दूसरा उसके पराये मर्द से अवैध संबंध हैं। अवैध संबंध रखने वाली महिला को गुजारा भत्ता नहीं मिल सकता। अगर वह घरेलू हिंसा के चलते या किसी अन्य विवाद के चलते पति से अलग रहती, लेकिन उसके किसी से अवैध संबंध न होते तो वह गुजारे भत्ते की हकदार होती, लेकिन अलग रहकर अवैध संबंध बनाने वाली महिला गुजारे भत्ते की हकदार नहीं।
हाईकोर्ट ने रद्द किया निचली अदालत का फैसला
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस गिरीश कठपाड़िया की बेंच ने केस में फैसला सुनाया है। जस्टिस ने नया फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के आदेश को भी रद्द कर दिया। फैमिली कोर्ट ने पत्नी के हक में फैसला सुनाया था कि पति उसे 10 हजार रुपये महीना गुजारा भत्ता दे। निचली अदालत के इसी आदेश को पति ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। याचिका पर विचार करते हुए जस्टिस गिरीश ने कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी के किसी और के साथ अवैध संबंध हैं।
धारा 125 के प्रावधान के अनुसार सुनाया फैसला
जस्टिस गिरीश ने कहा कि पति की ओर से पत्नी के अवैध संबंधों के सबूत भी पेश किए गए हैं। अवैध संबंध रखने वाली पत्नी को गुजारा भत्ता देना उचित नहीं है। CRPC की धारा 125(4) के तहत कानून में एक प्रावधान किया गया है। कानून की धारा के अनुसार, अगर पत्नी के अपने पति के अलावा किसी दूसरे मर्द के साथ शारीरिक संबंध हैं तो वह पति से गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी नहीं होगी। उक्त मामले में पेश किए सबूत दर्शाते हैं कि पत्नी के अन्य पुरुष के साथ अनैतिक संबंध हैं।
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Apr 18, 2025 08:16
Edited By
Khushbu Goyal