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दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशनों को मिली मंजूरी, यमुना सफाई को लेकर भी फैसला


राजधानी दिल्ली में आधारभूत ढांचे और पर्यावरण सुधार की दिशा में सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। दिल्ली सरकार की ‘एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी’ (EFC) की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें यमुना नदी की सफाई, नरेला में अत्याधुनिक हाई-सिक्योरिटी जेल और सार्वजनिक परिवहन को ग्रीन बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं।

यमुना के पुनर्जीवन की दिशा में बड़ा निवेश

सरकार ने यमुना को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने के उद्देश्य से 3,140 करोड़ रुपये की लागत से 27 डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाने की योजना को मंजूरी दी है। ये प्लांट 18 महीनों के भीतर तैयार किए जाएंगे और अनधिकृत कॉलोनियों में सीवरेज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेंगे। यह योजना यमुना के पुनर्जीवन के लिए एक निर्णायक प्रयास मानी जा रही है।

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नरेला को मिलेगी हाई-सिक्योरिटी जेल

बढ़ते कैदी दबाव को देखते हुए नरेला में 256 कैदियों की क्षमता वाली एक उच्च सुरक्षा जेल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना के लिए 148.58 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे जेलों में भीड़ कम करने और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।

ग्रीन ट्रांसपोर्ट के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए DTC, ISBT और क्लस्टर डिपो में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना को भी स्वीकृति मिली है। इस पर लगभग 107 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस कदम से दिल्ली में हरित परिवहन को गति मिलेगी और वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।

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परियोजनाएं होंगी समयबद्ध तरीके से पूरी

सरकार का कहना है कि ये सभी योजनाएं मिशन मोड में चलाई जाएंगी और तय समयसीमा में पूरी की जाएंगी। इन फैसलों का उद्देश्य राजधानी के जल, सुरक्षा और परिवहन ढांचे में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाना है।

Current Version

Apr 16, 2025 23:22

Edited By

Avinash Tiwari