EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

दिल्ली में नई EV पॉलिसी को लेकर मंत्री पंकज सिंह ने की बड़ी घोषणा, हेल्थ रिवॉल्यूशन पर कही बड़ी बात


राजधानी दिल्ली में आगामी कुछ दिन स्वास्थ्य और परिवहन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। News 24 से एक्सक्लूसिव बातचीत में दिल्ली के स्वास्थ्य, परिवहन और आईटी मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने कई अहम घोषणाएं कीं, जिनमें आने वाली EV पॉलिसी से लेकर स्वास्थ्य ढांचे में हो रहे सुधारों तक, दिल्ली सरकार की व्यापक योजनाएं शामिल हैं।

10 दिनों में लॉन्च होंगी नई इलेक्ट्रिक बसें

डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार 15 अप्रैल को “EV 2.0 पॉलिसी” की घोषणा करने जा रही है, जिसका उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को न्यूनतम स्तर तक लाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्राथमिकता दे रही है। इसके अंतर्गत सरकार अगले 10 दिनों में नई इलेक्ट्रिक बसें भी लॉन्च करने जा रही है, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और अधिक पर्यावरण-मित्र बन सके। डॉ. सिंह के अनुसार, किसी भी देश के विकास में ट्रांसपोर्टेशन एक प्रमुख कड़ी होता है, और दिल्ली सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है।

—विज्ञापन—

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू  

पिछले 15 दिनों में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी कई बड़े कदम उठाए गए हैं। 5 अप्रैल को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच “आयुष्मान भारत योजना” को राजधानी में लागू करने हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता (MOU) हुआ। इसके बाद 10 अप्रैल से इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। साथ ही केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” खोलने और स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए “आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (ABHIM)” पर भी समझौता हुआ।

News 24 से बातचीत में डॉ. पंकज सिंह ने जानकारी दी कि अब तक दिल्ली में 1 लाख 75 हजार से अधिक परिवार “आयुष्मान भारत योजना” से जुड़ चुके हैं और उन्हें E-कार्ड भी प्रदान किए जा चुके हैं। सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लाभार्थियों को कार्ड वितरित किए जाएँगे, ताकि योजना का लाभ आम जनता तक शीघ्र पहुंच सके।

—विज्ञापन—

“आयुष्मान आरोग्य मंदिर” की दिशा में सरकार तेज़ी से काम कर रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि अगले 20 से 25 दिनों के भीतर दिल्ली में 70 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित कर दिए जाएंगे। साथ ही सरकार का लक्ष्य है कि अगले एक वर्ष में कुल 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएं। उनका मानना है कि यदि प्राथमिक उपचार की सुविधा स्थानीय स्तर पर प्रभावी ढंग से उपलब्ध हो जाए, तो लगभग 50 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। इन मंदिरों में सभी प्रकार के प्राथमिक इलाज, योग्य डॉक्टर, भर्ती के लिए बेड, जांच सुविधाएं और निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे दिल्ली के लोग न केवल स्वस्थ रह सकेंगे, बल्कि वे स्वयं तुलना कर सकेंगे कि आयुष्मान औषधालय मोहल्ला क्लिनिक से किस प्रकार बेहतर है।

मोहल्ला क्लिनिक को लेकर डॉ. पंकज सिंह ने बेहद स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने News 24 से कहा कि वे किराए के भवनों में चल रहे मोहल्ला क्लिनिक के पूरी तरह खिलाफ हैं। साथ ही पोर्टा कैबिन (Porta Cabin) में बने मोहल्ला क्लिनिक, जिन्हें उन्होंने ‘टीन के डब्बे’ कहा, पूरी तरह ‘यूज़लेस’ हैं और किसी काम के नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इन पोर्टा कैबिन क्लिनिक्स को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तब्दील नहीं किया जा सकता क्योंकि इन मंदिरों में सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि भर्ती और जांच की सुविधाएं भी होंगी। ऐसे में सरकार जल्द ही इन अस्थायी क्लिनिक्स को बंद करने पर निर्णय लेगी। इसके स्थान पर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की इमारतों और बारात घरों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बदला जाएगा और इस पर सरकार तेजी से काम कर रही है।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और बेड की कमी पर भी डॉ. पंकज सिंह ने विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की कुल 21 प्रतिशत कमी थी। लेकिन उनकी डेढ़ महीने पुरानी सरकार ने इस आंकड़े को घटाकर 16 प्रतिशत तक ला दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ महीनों में यह कमी पूरी तरह समाप्त कर दी जाए। इसके लिए लगातार डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्तियाँ की जा रही हैं।

ABHIM मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली में स्वास्थ्य ढांचे को भी सशक्त किया जा रहा है। केंद्र सरकार दिल्ली को 2400 करोड़ रुपये प्रदान कर रही है, जिससे अधूरे अस्पतालों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा सके। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में कई अस्पतालों की इमारतों का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होना था, लेकिन वे अधूरे रह गए। उदाहरण के तौर पर इंदिरा गांधी अस्पताल 2022 में चालू हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक वह चालू नहीं हो पाया है। पिछली सरकार ने दावा किया था कि दिल्ली में 10 हजार नए बेड जोड़े जाएंगे, लेकिन हकीकत में केवल 1322 बेड ही बढ़ाए गए। उन्होंने कहा कि उस समय की सरकार सिर्फ ‘शीशमहल’ बनाने में लगी थी, लेकिन उनकी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि एक वर्ष के भीतर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को ऐसा रूप दिया जाए कि हर नागरिक को महसूस हो कि वह देश की राजधानी में रह रहा है।

स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. सिंह ने खुद अस्पतालों का निरीक्षण भी किया, जहाँ उन्होंने पाया कि कई जगहों पर एक्सपायर्ड दवाइयाँ पड़ी थीं और ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को टेंडर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि अब इन सभी खामियों को दूर कर दिया गया है।

डॉ. सिंह ने यह भी जानकारी दी कि आप सरकार के दौरान जिन जच्चा-बच्चा केंद्रों को बंद कर दिया गया था, उन्हें दोबारा खोला जा रहा है और पूरी तरह से रिवैम्प किया जा रहा है ताकि मातृ और शिशु स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सके।

कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार स्वास्थ्य और परिवहन के क्षेत्र में व्यापक बदलाव की ओर अग्रसर है। डॉ. पंकज सिंह की मानें तो यह बदलाव सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीन पर इसका असर जल्द दिखेगा।

ये भी पढ़ें- छोटी उम्र में साइलेंट अटैक क्यों?

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

Current Version

Apr 14, 2025 14:43

Edited By

Namrata Mohanty