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कोरोना से लेकर आयुष सुविधाओं तक, इस नंबर पर फोन करके लें जानकारी

नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं. पिछले साल आए कोरोना की दो लहरों को देखने के बाद यह आशंका भी पैदा हो रही है कि कहीं इस नए वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर का जन्‍म न हो. हालांकि इस मामले पर अभी भी स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की अलग-अलग राय हैं लेकिन इससे बचाव के तरीके अपनाने के लिए सभी की तरफ से अपील की जा रही है. वहीं केंद्र और राज्य सरकारें भी लोगों को सावधानी बरतने और इम्‍यूनिटी मजबूत करने के लिए उपाय करने की सलाह दे रही हैं. आयुष मंत्रालय की ओर से इसके लिए कई सुविधाएं की गई हैं.

ऐसे में ओमिक्रॉन के आने के बाद अगर आप भी इम्‍यूनिटी मजबूत इसके करने के उपाय अपनाने की सोच रहे हैं लेकिन इन्‍हें अपनाने से पहले पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो आयुष मंत्रालय की ये हेल्‍पलाइन मदद कर सकती है. आयुष मंत्रालय का हेल्पलाइन 14443 नंबर पूरी तरह से टोल फ्री है और कोरोना से जुड़ी जानकारी और सवालों के लिए जारी किया गया है. यह नंबर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 6 बजे से आधी रात काम करता है. आयुष की ओर से बताया गया कि आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और सिद्ध पद्धतियों के जानकार आम जनता के सवालों के समाधान के लिए इस नंबर पर मौजूद रहते हैं.

इस नंबर पर न केवल कोरोना से संबंधित जानकारी मिल रही है बल्कि कोरोना के नए नए वेरिएंट के आने की संभावना के बीच कई पद्धतियों से प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के भी सुझाव दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही लोगों को बीमारियों के संबंध में परामर्श और व्‍यावहारिक उपचार भी बताए जा रहे हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. राजगोपाला एस कहते हैं कि आयुर्वेद कोरोना का इलाज नहीं करता लेकिन शरीर को मजबूत बनाने का काम करता है ताकि कोई वायरस या बैक्‍टीरिया इस पर असर न डाल सके. ऐसे में हेल्‍पलाइन पर इससे संबंधित कोई भी जानकारी अगर व्‍यक्ति मांगता है तो वह दी जा रही है.

इतना ही नहीं देश के लगभग सभी हिस्‍सों में आयुष के अस्‍पताल आदि बने हुए हैं. ऐसे में इस टोल फ्री हेल्‍पलाइन पर फोन करने पर आयुष की सुविधाओं की भी जानकारी ली जा सकती है. हेल्पलाइन इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस पर आधारित है और फिलहाल हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है. हालांकि इसे अन्‍य भाषाओं से भी जोड़ने का काम किया जा रहा है.