दोस्त बना दुश्मन! लापता RWA महासचिव, CCTV में घबराया आदमी और 2 हफ्ते में सुलझ गई मर्डर मिस्ट्री, पढ़ें खौफनाक वारदात की कहानी
दिल्ली (Delhi crime News) के जनकपुरी इलाके में पिछले अक्टूबर में पुलिस को एक लापता व्यक्ति की रिपोर्ट मिली थी. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को इस मामले में कुछ सुराग भी मिले थे. इसमें कुल 7.9 लाख रुपये के कई बैंक लेनदेन और क्षेत्र में घूमते हुए एक ‘घबराए हुए’ व्यक्ति की सीसीटीवी फुटेज शामिल थी. पुलिस के अनुसार 59 वर्षीय अशित सान्याल के साथ क्या हुआ इसकी खबर उसके परिवार से लेकर दोस्त तक को नहीं थी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को कोई शव भी नहीं मिला था इससे पुलिस तुरंत कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकती थी. ग्रेटर नोएडा से अशित सान्याल के जले हुए अवशेषों को बरामद करने और उसके कथित हत्यारे को पकड़ने में पुलिस को दो सप्ताह का समय लगा. अशित जनकपुरी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के महासचिव थे, और दो साल पहले महामारी के दौरान अपने भाई की मृत्यु के बाद से अकेले रहते थे. उन्हें आखिरी बार 19 सितंबर, 2022 को उनके घर के पास देखा गया था. उनके लापता होने के एक हप्ते बाद RWA के अन्य सदस्यों ने पुलिस से संपर्क किया.
डीसीपी (पश्चिम) घनश्याम बंसल ने केस के बारे में कहा, ‘यह हमारे लिए एक ब्लाइंड केस था. जिसमें कोई ज्ञात व्यक्ति नहीं था, कोई शव नहीं था और शुरुआत में कोई सुराग भी नहीं था. पीड़ित के घर के बाहर लगे सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे. हमारे पास केवल उनके फोन डिटेल्स थे. और हमने उनके बैंक रिकॉर्ड को खंगालना शुरू किया.’ इंस्पेक्टर दिनेश यादव के नेतृत्व में एक टीम ने पाया कि किसी ने लेन-देन की एक श्रृंखला के माध्यम से सान्याल के खाते से 7.9 लाख रुपये से अधिक की निकासी की थी.
एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें इलाके में सीसीटीवी फुटेज मिले जिसमें एक युवक को एटीएम से पैसे निकालते हुए देखा गया. वह इलाके में घूम रहा था और घबराया हुआ लग रहा था. इसके बाद टीमों ने अशित के प्रोफाइल को खंगालना शुरू किया. हमने पाया कि उसने अगस्त 2022 में अपने दोस्त अनिल (46) के खिलाफ अपने फोन का इस्तेमाल करने और अपने खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर करने की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, न तो अनिल और न ही अशित ने इस मामले में बयान दिया और मामला आगे नहीं बढ़ा.’
हालांकि पुलिस उलझन में थी क्योंकि अनिल 46 साल का है और फुटेज में दिख रहा संदिग्ध एक युवक था. इस दौरान अनिल गायब रहा. टीमों ने यह भी पाया कि किसी ने पैसे निकालने के लिए फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने कहा कि उन्होंने बैंक से संपर्क किया और कर्मचारियों से पूछताछ की, और उन्होंने पुलिस को बताया कि अशित के खाते से पैसे निकालने वाले एक व्यक्ति ने दो अलग-अलग आईडी कार्ड पेश किए थे.
एक दूसरे अधिकारी ने बताया, ‘यह आरोपी द्वारा की गई एक बड़ी गलती थी जो हमें संदिग्ध लगी. वह भ्रमित हो गया होगा और उसने पहले अपनी असली आईडी दिखाने की कोशिश की. लेकिन फिर उसने घबराकर अपनी फर्जी आईडी दे दी. वह गिरफ्तारी से बचना चाहता था. हमें पता था कि कुछ गड़बड़ है और हमने युवक की तलाश शुरू कर दी. उसकी पहचान विशाल के रूप में हुई और उसे पश्चिमी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया.’