भिवानी कांड में आरोपी का सनसनीखेज दावा, अब कठघरे में हरियाणा पुलिस, ड्यूटी निभाने में हुई चूक?
हरियाणा के भिवानी (Bhiwani Incident) में गौ रक्षकों द्वारा कथित रूप से अपहरण करने के बाद एक कार में जलाकर मार दिए गए दो मुसलमान युवकों को पहले तो आरोपियों ने जमकर पीटा और उसके बाद एक पुलिस थाने ले गए. जहां दोनों को गंभीर रूप से घायल देख कर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया. NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी रिंकू सैनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि उनके समूह ने पहले गाय तस्करी के आरोप में दोनों को पीटकर गंभीर रूप से घायल किया था और फिर उन्हें हरियाणा (Haryana) के फिरोजपुर झिरका (Firozpur Jhirka) के करीबी पुलिस थाने ले गए थे.
गौ रक्षक समूह चाहता था कि पुलिस दोनों के खिलाफ कार्रवाई करे. जबकि दोनों मुस्लिम युवकों को गंभीर रूप से घायल देखने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उन सभी को छोड़ दिया. जब इन दोनों लोगों की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई, तो रिंकू सैनी के साथ के लोगों ने अपराध स्थल से लगभग 200 किमी. दूर हरियाणा के भिवानी में उनके शवों को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. उनके शवों को बोलेरो एसयूवी में ले जाया गया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका निवासी 32 वर्षीय रिंकू सैनी को पूछताछ और तकनीकी जांच के आधार पर गिरफ्तार किया गया है.
रिंकू सैनी बजरंग दल (Bajrang Dal) के उन पांच कार्यकर्ताओं में शामिल है, जिनका नाम मृतकों के परिवार के लोगों ने प्राथमिकी (FIR) में दर्ज करवाया था. बाकी आरोपियों में अनिल, श्रीकांत, लोकेश सिंगला और मोनू में शामिल हैं. बहरहाल पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर बजरंग दल के गुरुग्राम जिला अध्यक्ष मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर की पहचान की है. मोनू मानेसर पर 7 फरवरी को गुरुग्राम के पटौदी पुलिस स्टेशन में हत्या के प्रयास का एक मामला भी दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी नसीर (25) और जुनैद उर्फ जूना (35) का बुधवार को कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था. उनके शव गुरुवार सुबह हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई बोलेरो में मिले थे.