नौकरी जाने, शादी के खर्च, होम लोन चुकाने के लिए निकाल सकते हैं पीएफ, जानें इनसे जुड़े नियम
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) नौकरी जाने पर एक समय के बाद अपने सब्सक्राइबर्स को PF Account में जमा राशि को निकालने की इजाजत देता है। इससे नौकरी जाने से परेशान लोगों को फौरी मदद मिल जाती है। इसके साथ ही प्रोफेशन बदलकर अपना बिजनेस शुरू करने वालों को भी इससे पूंजी मिल जाती है। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक असाधारण परिस्थितियों में ही PF राशि निकालना चाहिए क्योंकि रिटायरमेंट के समय आपको अच्छी-खासी एकमुश्त राशि मिल जाती है। साथ ही पेंशन भी मिलने लगता है। फिर भी अगर आपको फिर भी पीएफ राशि निकालने की जरूरत पड़ती है, तो इससे जुड़े नियमों से अवगत रहना बहुत जरूरी है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि अन्य किन परिस्थितियों में आप पीएफ की राशि निकाल सकते हैं:
- EPFO के नियमों के मुताबिक नौकरी जाने के एक महीने बाद EPF खाताधारक अपने अकाउंट बैलेंस में से 75% राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए नौकरी जाने से जुड़े दस्तावेज जमा करने की भी जरूरत नहीं होती है क्योंकि EPF खाते में अंशदान का भुगतान नहीं होने को इसका संकेत समझा जाता है।
- अगर आपको लगातार दो माह तक नौकरी नहीं मिलती है तो आप अपने पीएफ अकाउंट में जमा पूरी राशि को निकालकर अपना PF Account बंद करा सकते हैं। हालांकि, EPFO के आदेश के मुताबिक अगर कोई महिला शादी करने के लिए नौकरी छोड़ती है तो उसे पीएफ निकालने के लिए दो माह तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होती।
- अगर आपकी उम्र 58 साल या उससे ऊपर है तो आप किसी भी समय अपनी पीएफ अकाउंट में जमा राशि निकाल सकते हैं।
- आप अपने, पति/ पत्नी, बच्चों और अपने माता-पिता के इलाज के लिए किसी भी समय ब्याज के साथ कर्मचारी की ओर से जमा कुल राशि या छह माह का मासिक वेतन (इनमें से जो भी कम हो) निकाल सकते हैं। इसके लिए कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता है।
- तीन साल की सर्विस के बाद होम लोन के भुगतान के लिए EPF Subscriber अपनी पीएफ राशि का 90% तक निकाल सकता है। हालांकि, मकान की रजिस्ट्री खाताधारक के नाम पर होनी चाहिए।
- सात साल की सर्विस के बाद आप अपनी, भाई-बहन या बच्चों की शादी के लिए ब्याज सहित अपने तरफ से किए गए कुल अंशदान का 40% तक निकाल सकते हैं।