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Budget 2020: रीयल एस्टेट को बजट के पिटारे से बहुत सी उम्मीदें, पुराने दिन लौटने की आस

नई दिल्ली, । आम लोगों को बजट के पिटारे से बहुत उम्मीद होती है। साथ ही विभिन्न उद्योगों की इससे तमाम तरीके की उम्मीदें होती हैं। पिछले कुछ वर्षों से दबाव झेल रहे रीयल एस्टेट सेक्टर को भी आशा है कि केंद्र सरकार इस बार के बजट में Individual Income Tax में कटौती समेत तमाम ऐसे कदम उठाएगी जिससे इंडस्ट्री के पुराने दिन एक बार फिर लौटेंगे। प्रोपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने इस बारे में कहा कि Real Estate Sector दबाव वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए वैकल्पिक निवेश कोष को जल्द लागू करने की उम्मीद कर रहा है।

वहीं, Naredco के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक सरकार को रीयल एस्टेट सेक्टर को मजबूती देने के लिए लिक्विडिटी सुनिश्चित करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को नकदी को लेकर कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में संगठन ने आरबीआई और सरकार को लिखा है। बकौल हीरानंदानी बैंकों को ज्यादा-से-ज्यादा लोन देना चाहिए, खासकर SME सेक्टर को।

पुरी के मुताबिक इस बार की परिस्थितियों की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर बजट को लेकर बहुत अधिक दबाव होगा। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हालिया ईरान-अमेरिका टकराव का असर भी बजट पर देखने को मिल सकता है।

एनारॉक के चेयरमैन के मुताबिक इस साल बजट में ये कदम उठाए जाने चाहिएः

1. आयकर में छूटः आयकर में छूट दिये जाने की जरूरत है। पिछली बार 2014 में आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत प्राप्त छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपया किया गया था। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है।

2. होम लोन की ब्याज दर में कर में छूट को बढ़ाए जाने की जरूरत है। इससे पूरी इंडस्ट्री को नया बूस्ट मिल जाएगा।

3. नकदी बढ़ाने की जरूरतः नकदी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण रीयल एस्टेट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसे नई गति देने के लिए, विलंबित परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए नकदी का होना बहुत जरूरी है।

4. रीयल एस्टेट सेक्टर के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि बैंक ज्यादा-से-ज्यादा कर्ज दें। इस सेक्टर को एनबीएफसी संकट की वजह से बहुत नुकसान हुआ है।  अगर बैंक इस सेक्टर को ऋण देना शुरू करते हैं तो सेक्टर को रिवाइव करने में बहुत मदद मिलेगी।

5. भूमि सुधारों को लागू करना अहमः नई कंपनी या फैक्टरी लगाने वालों को कॉरपोरेट टैक्स में कमी का फायदा तभी होगा जब भूमि सुधारों को प्रभावी तरह से लागू किया जाएगा। इसके लिए पूरी प्रणाली में जबरदस्त पारदर्शिता लाये जाने की जरूरत है।