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एससी-एसटी वर्ग के लोगों को उद्यमी बना रहीं सरकार की नीतियां: धर्मेद्र प्रधान

नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को सरकार की हर नीतियों में अपनाया है। इससे एससी-एसटी वर्ग में आज उद्यमशीलता का भाव पैदा हुआ है, यह वर्ग नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि सबसे अधिक रोजगार देने वाला बन गया है। यह सिद्ध करता है कि भारत में सकारात्मक पहल और कार्यों के प्रोत्साहन की एक नई कार्यशैली विकसित हो चुकी है।

प्रधान दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से पेट्रोलियम एवं स्टील सेक्टर के लिए आयोजित स्पेशल नेशनल वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे । इस मौके पर पेटिलियम मंत्री ने 3,121वें एलपीजी टैंकर ट्रक को भी हरी झंडी दिखाई। पेट्रोलियम पदार्थ आवागमन कारोबार से जोड़ने के लिए लांच ब्लॉक एलपीजी टैंकर-ट्रक वेंडर योजना के तहत टैंकर ट्रक को रवाना करते हुए प्रधान ने कहा कि इस वर्ग को यह समझना होगा कि उनका असली हमदर्द या साथी कौन है।

प्रधान ने टैंकर-ट्रक योजना का हवाला देते हुए कहा कि पहले भी इस योजना में इस वर्ग के लिए आरक्षण था। लेकिन ऐसे कारोबारी केवल चार प्रतिशत थे क्योंकि उन पर कई तरह के आर्थिक नियम लगाकर उन्हें बाहर रखा जा रहा था। मोदी सरकार में यह आंकड़ा 16 प्रतिशत तक आया है और जल्द ही यह 22.5 प्रतिशत तक जाएगा। इसकी वजह यह है कि सरकार ने यह देखा कि इस वर्ग के पास पूंजी नहीं है। ऐसे में यह आरक्षण केवल छलावा है। इसलिए सरकार ने तुरंत बैंकों से 90 प्रतिशत तक कर्ज दिलाया।

स्टैंड-अप इंडिया स्कीम के तहत उन्हें कर्ज दिया और इस योजना में उनकी भागीदारी 16 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसी तरह से सूक्ष्म-लघु उद्योग में लगे इस वर्ग के उत्थान के लिए नया नियम बनाया और सभी सरकारी कंपनियों के लिए जरूरी किया कि वे उनसे 20 की जगह 25 प्रतिशत सामान खरीदें। पहले यह सीमा 15 से 20 प्रतिशत तक थी।

इसके अलावा इस वर्ग के लिए एलपीजी एजेंसी, पेट्रोल पंप आवंटन में भी बड़ा हिस्सा दिया। सरकार ने 75 हजार पेट्रोल पंप आवंटन की योजना निकाली और इसमें 20 हजार पंप इस वर्ग के लिए आरक्षित किए। इनमें से 17 हजार से अधिक आवंटन हो भी गए हैं। उज्जवला स्कीम में देश भर में 8 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए। इनमें से 3 करोड़ 5 लाख या 38 प्रतिशत कनेक्शन इस वर्ग को दिए गए।