Middle East Crisis से हाहाकारः निवेशकों के डूबे तीन लाख करोड़ रुपये, क्रूड ऑयल-सोने में भारी उछाल
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पश्चिम एशिया में उत्पन्न मौजूदा संकट के कारण सोमवार को हाहाकार मच गया। BSE Sensex और NIFTY ने जबरदस्त गोता लगाया। सप्ताह के पहले सत्र में Sensex 787.98 अंक जबकि NSE Nifty 233.60 अंक तक लुढ़क गए। शेयर बाजारों में आई इस भारी गिरावट से निवेशकों के एक दिन में तीन लाख करोड़ रुपये डूब गए। अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर Qasem Soleimani के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी है। ईरान ने इसका बदला लेने की बात कही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसी स्थिति में ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
इन सभी घटनाक्रम के बीच सोमवार को ब्रेंट क्रूड का दाम 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया। इसके अलावा अन्य कारणों से भी शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। शेयर बाजार में गिरावट के कारण लोगों ने सेफ हेवेन समझे जाने वाले सोने में निवेश किया। इससे गोल्ड की कीमत अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। विश्लेषकों के मुताबिक क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेजी से भारतीय बाजार ज्याद रिएक्ट कर रहा है।
- BSE Sensex 787.98 अंक टूटकर 40,676.63 अंक पर हुआ बंद।
- Nifty 233.60 अंक का गोता लगाकर 11,993.05 अंक पर बंद।
- सोना 720 रुपये की तेजी के साथ अपने अबतक के उच्चतम स्तर 41,730 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंचा।
- ब्रेंट क्रूड ऑयल का फ्यूचर सोमवार को करीब दो फीसद चढ़कर 69.81 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया।
- दिन के कारोबार में भारतीय मुद्रा 24 पैसे टूटकर 72.04 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
- शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सिओल में भी शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय बाजार भी शुरुआती सत्र में लाल निशान में हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (हेड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च-पीसीजी) रुसमिक ओजा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ”कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण किसी भी अन्य उभरते हुए बाजार की तुलना में भारतीय बाजार ज्यादा रिएक्ट कर रहा है। ऐसा इसलिए है कि खपत ज्यादा होने के कारण हम कच्चे तेल के आयात पर ज्यादा निर्भर हैं। इसलिए इसका असर इकोनॉमी और बाजार पर बहुत अधिक पड़ता है। क्रूड के साथ घरेलू मुद्रा के कमजोर होने का असर भी भारतीय बाजारों पर देखने को मिल रहा है।”