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LIC पर आरोपों के वार, क्‍या दबाव में आ जाएगी कंपनी?


भारत में ज्‍यादातर लोग क‍िसी न क‍िसी तरह से LIC से जुड़े हैं. ये एक व‍ित्‍तीय बीमा कंपनी है और आम लोग जो एलआईसी में पैसा लगाते हैं, उस पैसे को कंपनी मार्केट में उन जगहों पर न‍िवेश करती है, जहां से बेहतर र‍िटर्न म‍िल सके.

लेक‍िन प‍िछले कुछ द‍िनों में LIC के इंवेस्‍टमेंट पैटर्न को लेकर लगातार टारगेट किया जा रहा है और सवाल खड़े क‍िए जा रहे हैं. दरअसल, एलआईसी पर ये आरोप है क‍ि वह अडाणी ग्रुप में पैसा क्‍यों लगा रही है. इसके अलावा वह रिलायंस ग्रुप में भी ज्‍यादा निवेश क्‍यों कर रही है.

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आरोप है क‍ि अडाणी और र‍िलायंस ग्रुप में न‍िवेश र‍िस्‍की हो सकता है. ऐसे में क्‍या एलआईसी को इन कंपन‍ियों में अपने न‍िवेश को बढ़ाना चाह‍िए.

इन आरोपों के दबाव में आने की बजाय LIC का सीधा जवाब है- नहीं. कंपनी ने यह स्‍पष्‍ट क‍िया क‍ि वह बेहतर मुनाफे के ल‍िए इन कंपन‍ियों में न‍िवेश कर रही है. LIC में पैसा लगाने वाले आम भारतीयों के फायदे के लिए कंपन‍ी सोच समझकर ही फैसले लेती है. देश की तरक्की पर भी इसका असर होता है.

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LIC की ओर से कहा गया है क‍ि LIC को कठघरे में खड़ा करने वाले अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई डेटा शेयर नहीं करते. सिर्फ हवा-हवाई आरोप लगाते हैं. जबकि सच कुछ और ही है.

आंकड़े क्‍या कहते हैं?
एलआईसी द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो LIC का पैसा प‍िछले 11 साल में शेयर बाजार में 10 गुना बढ़ा है. LIC का इक्विटी पोर्टफोलियो साल 2014 में 1.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर आज 15.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

LIC का निवेश दरअसल, स‍िर्फ एक दो कंपनियों में नहीं, बल्कि 300 से ज्यादा भारतीय कंपनियों में है. इनमें टाटा बिड़ला, अडाणी और रिलायंस कंपन‍ियां भी शाम‍िल हैं.

क‍िसी भी न‍िवेश से पहले ड‍िटेल में चेक होता है. इरडा के रेगुलेशन का ध्‍यान रखा जाता है और बोर्ड का अप्रूवल ल‍िया जाता है. कोई एक ऑफ‍िसर या पॉलिट‍िश‍ियन ये ड‍िसाइड नहीं कर सकता क‍ि LIC कहां न‍िवेश करे.

ये क‍िसी एक ग्रुप या सेक्‍टर पर न‍िर्भर नहीं है. और अपने अनुशास‍ित अप्रोच के कारण ही एलआईसी का न‍िवेश कई गुना बढ़ा है.

साल 2017 से एलआईसी ने अडाणी ग्रुप में 31000 करोड़ रुपये का न‍िवेश क‍िया है, आज ज‍िसकी वैल्‍यू 65000 करोड़ रुपये है. ये लॉस तो नहीं है.

इस साल जिस वक्त LIC ने अदाणी ग्रुप में 5000 करोड़ लगाए लगभग उसी समय अमेरिका की दिग्गज बीमा कंपनियों मेटा लाइफ, एथेंस लाइफ ने 6700 करोड़ रुपये का न‍िवेश क‍िया है. LIC के निवेश पर सवाल खड़ा करने वाली इन देशी-विदेशी ताकतों की मंशा पर सवाल इसलिए खड़े हो जाते हैं क्योंकि वो ये बातें छिपा जाती हैं.