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Good News: 2025-26 में ‘रॉकेट की स्पीड’ से बढ़ी भारतीय इकोनॉमी, इस सेक्टर ने किया सबसे बेहतर प्रदर्शन


India GDP Growth: एक तरफ दुनिया के कई देश, युद्ध और मंदी का सामना कर रहे हैं, वहीं ऐसे समय में भी भारतीय इकोनॉमी ने बेहतर प्रदर्शन के साथ अपनी ग्रोथ को और तेज किया है. शुक्रवार का दिन भारत सरकार के लिए खुशखबरी लेकर आया, क्योंकि पिछली 6 तिमाही के बाद 2025-26 में भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ ने गजब की रफ्तार पकड़ी. 28 नवंबर, 2025 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के आंकड़े जारी किए, जिसमें रियल जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही. अच्छी बात ये है कि पिछले साल की समान तिमाही की 5.6 फीसदी ग्रोथ की तुलना में इस साल की रफ्तार काफी अधिक है.

छह तिमाहियों में सबसे अधिक ग्रोथ

वहीं, पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की ग्रोथ के बाद ये आंकड़े छह तिमाहियों में सबसे अधिक है, जिसने सरकार को भी राहत की सांस लेने का मौका दिया. इस ग्रोथ में ​मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने शानदार योगदान दिया. देश की सेकंडरी सेक्टर ने 8.1 फीसदी की जबरदस्त बढ़त दर्ज की, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग 9.1 फीसदी और कंस्ट्रक्शन 7.2 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ा. टर्शियरी सेक्टर ने 9.2 फीसदी ग्रोथ के साथ सबसे ज्यादा योगदान दिया, खासकर फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज ने 10.2 फीसदी की रफ्तार पकड़ी.

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घरेलू खपत और सर्विसेज ने अर्थव्यवस्था दिया को पंख

रिपोर्ट के अनुसार, नॉमिनल जीडीपी भी 8.7 फीसदी बढ़कर 85.25 लाख करोड़ रुपये हो गई. अप्रैल-सितंबर की पहली छमाही में रियल जीडीपी 8 फीसदी चमकी, जो पिछले साल के 6.1 फीसदी से बेहतर है.​ प्राइवेट फाइनल कंजम्प्शन एक्सपेंडीचर (PFCE) में 7.9 फीसदी की सुधार दर्ज हुआ, जो ग्रामीण मांग और सरकारी खर्च से मजबूत दिखा. हालांकि, एग्रीकल्चर और एलाइड सेक्टर 3.5 फीसदी तथा बिजली-गैस जैसे यूटिलिटी सर्विसेज 4.4 फीसदी पर सिमट गए. ये आंकड़े बताते हैं कि घरेलू खपत और सर्विसेज ने अर्थव्यवस्था को पंख दिया.

भारत बन सकता है विकसित देश

पिछले साल 2024-25 में कुल रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रही, जबकि 2023-24 में ये 9.2 फीसदी थी. आरबीआई ने 2024-25 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान लगाया था, लेकिन अब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि 2047 तक विकसित देश बनने के लिए अगले 22 सालों में औसतन 7.8 फीसदी ग्रोथ जरूरी होगी.