कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ, एक सरकारी सामाजिक सुरक्षा संस्था है जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि और पेंशन योजनाओं का प्रबंधन करती है. EPFO ने नौकरी रहते हुए और नौकरी छूटने के बाद, ईपीएफ अकाउंट में रखे पैसे को निकालने को लेकर कुछ नियमों में बदलाव किए हैं.
नए नियमों के अनुसार नौकरी छूटने के बाद या बेरोजगारी की स्थिति में पीएफ अकाउंट से 75% राशि को निकाला जा सकता है. लेकिन 25 फीसदी पैसे को तुरंत नहीं निकाल सकते. उसके लिए एक साल का इंतजार करना होगा.
लेकिन लोगों के मन में एक सवाल ये भी है कि क्या नौकरी छूटने के बाद ईपीएफओ का अकाउंट बंद हो जाता है और इसमें जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता? जानिये नियम क्या कहते हैं?
नौकरी छोड़ने के बाद भी सदस्यता जारी रहती है
EPF नियमों के अनुसार, एक बार सदस्य बनने के बाद, उसकी सदस्यता समाप्त नहीं होती. इसका मतलब है कि आपकी EPF सदस्यता नौकरी छोड़ने के बाद भी जारी रहती है. यह तब तक जारी रहती है जब तक आप अपनी पूरी PF राशि निकाल नहीं लेते.
इसका मतलब है कि EPFO आपके खाते को निष्क्रिय नहीं करता. केवल योगदान बंद हो जाता है.
आपको कब तक ब्याज मिलेगा?
अब बात करते हैं ब्याज की. अगर आप नौकरी छोड़ देते हैं और आपके पीएफ खाते में कोई योगदान नहीं हो रहा है, तो तीन साल तक ब्याज मिलता रहेगा.
ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, अगर किसी खाते में लगातार तीन साल तक कोई योगदान नहीं किया जाता है, तो उस खाते को “निष्क्रिय” माना जाता है.
इस स्टेज के बाद, खाते पर ब्याज मिलना बस बंद हो जाता है.
उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति जून 2022 में अपनी नौकरी छोड़ देता है और उसके बाद कोई नया योगदान नहीं करता है, तो जून 2025 तक ब्याज मिलता रहेगा. उसके बाद, ब्याज मिलना बंद हो जाएगा.
ब्याज मिलने पर रोक का मतलब यह नहीं है कि आपका पैसा खत्म हो गया है
यह समझना जरूरी है कि ब्याज मिलने पर रोक का मतलब यह नहीं है कि आपका पैसा खत्म हो गया है. आपका मूलधन और पिछला ब्याज EPFO में सुरक्षित रहता है. आप जब चाहें ऑनलाइन दावा दायर करके यह पैसा निकाल सकते हैं.
अगर आप नई नौकरी ज्वाइन करते हैं तो क्या होगा?
अगर आप नई नौकरी ज्वाइन करते हैं और नया EPF खाता खोलते हैं, तो आपका पुराना PF आपके UAN के ज़रिए ट्रांसफर किया जा सकता है. ट्रांसफर होने पर, आपकी सदस्यता और योगदान फिर से सक्रिय हो जाते हैं. इससे न सिर्फ़ यह सुनिश्चित होता है कि आपकी सेवा अवधि निरंतर मानी जाए, बल्कि ब्याज भी मिलता रहे.