8th Pay Commission latest news: केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी, 10 महीने बाद 8वें वेतन आयोग के गठन करने के लिए रेफरेंस की शर्तों (ToR) को मंजूरी मिली है. हर वेतन आयोग के गठन से उसकी सिफारिशें लागू होने तक करीब दो साल का समय लगता है. 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब तक लागू होंगी. 8वें वेतन आयोग से कितने लोगों को लाभ मिलेगा?
69 लाख पेंशनर्स और 49 लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
कर्मचारी यूनियनों के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग के लागू होने से 50 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों और लगभग 65 लाख सेवानिवृत्त/पेंशनभोगियों को लाभ होगा. पैनल का गठन हो गया है. पैनल को अपनी सिफारिशें देने में 18 महीने से 24 महीने के बीच का समय लगेगा. अगर नए वेतनमान या पेंशन भत्ते 1 जनवरी, 2026 से लागू होते हैं और पैनल अपनी सिफारिशें 2027 के अंत तक दे देता है तो 2028 की पहली तिमाही तक बढ़ा हुआ वेतन मिल सकता है. इस तरह जनवरी 2026 से 2028 तक करीब दो साल का बढ़ा वेतन एरियर के रूप से मिलेगा.
Cabinet approved Terms of Reference of 8th Central Pay Commission.
✅ To make recommendations within 18 months of constitution.
✅ Will cover ~50 lakh Central Government employees and ~69 lakh pensioners. pic.twitter.com/is12kPgMH7— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 28, 2025
पैनल की टीम में कौन-कौन
पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, जिसमें एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे. गठन की तिथि से 18 महीने के भीतर आयोग अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैनल अपनी फाइनल रिपोर्ट 18 महीने में देगा. जरूरत होने पर इंटेरिम रिपोर्ट भी सबमिट की जा सकती है. रिपोर्ट्स में यह ध्यान रखा जाएगा कि देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव न बढे और सरकारी खर्च संतुलित रहे
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कितनी वृद्धि होगी?
8वें वेतन आयोग ने अभी तक आधिकारिक स्लैब जारी नहीं किए हैं, लेकिन 2016 में लागू 7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर का उपयोग किया था, जिसके परिणामस्वरूप 157% की बढ़ोतरी हुई और न्यूनतम मूल वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था. यदि यही पुनः लागू किया जाए तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 46,260 रुपये प्रति माह हो सकता है, जबकि न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 23,130 रुपये हो सकती है. पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सुझाव दिया है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.92 के करीब हो सकता है, जिससे 92% की बढ़ोतरी होगी – यानी न्यूनतम मूल वेतन 34,560 रुपये हो जाएगा.
पीएम मोदी को पत्र कर्मचारी यूनियनों ने बढ़ाया था दवाब
केंद्रीय सचिवालय सेवा मंच (CSSF) ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. पत्र में कहा कि सातवें वेतन आयोग का गठन इसके लागू होने की तारीख से दो साल पहले ही कर दिया गया था. पत्र में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि केंद्र सरकार जल्द ही अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे और आयोग के काम शुरू करने की तारीख़ तय करे. अगर रेकमेंडेशन समय पर सबमिट हो जाएं और कर्मचारियों के बकाया भुगतान पर असर डाले बिना 1 जनवरी 2026 तक गठन हो जाए तो जनवरी 2028 तक 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं.