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क्या आज 21 अक्टूबर को शेयर बाजार रहेगा खुला? जानिए कब होगी मुहूर्त ट्रेडिंग


Diwali Muhurat Trading 2025: भले ही पूरे देश में 20 अक्‍टूबर को द‍िवाली मना ली गई है, लेक‍िन शेयर बाजार में आज 21 अक्‍टूबर को द‍िवाली की छुट्टी है. नए हिंदू वित्तीय वर्ष (संवत 2082) की शुरुआत के उपलक्ष्य में अपनी वार्षिक परंपरा के अनुसार, बीएसई, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) मंगलवार 21 अक्टूबर 2025 को विशेष दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे.

हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुभ शुरुआत माना जाने वाला एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच होगा, जिसमें एनएसई और बीएसई दोनों पर दोपहर 1:30 बजे से प्री-ओपन सत्र होगा.

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आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, मुहूर्त सत्र के दौरान किए गए सभी ट्रेडों में नियमित निपटान दायित्व होंगे, यानी खरीदारों और विक्रेताओं के लिए डिलीवरी और भुगतान शुल्क किसी भी सामान्य कारोबारी दिन की तरह ही निपटाए जाएंगे.

कमोडिटी बाजारों का कार्यक्रम

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एमसीएक्स और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) भी 21 अक्टूबर 2025 को खास मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन करेंगे, जिसका समय इस तरह है:

एमसीएक्स प्री-ओपन सत्र: दोपहर 1:30 बजे से 1:44 बजे तक

मुहूर्त ट्रेडिंग विंडो: दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक

इस एक घंटे के दौरान, सभी सूचकांक और कमोडिटीज में ट्रेडिंग की जा सकेगी और क्लाइंट कोड में संशोधन दोपहर 3:00 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे. इसी तरह, एनसीडीईएक्स अपना प्री-ट्रेड सत्र दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक आयोजित करेगा, जिसके बाद दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.

दिवाली ट्रेडिंग शेड्यूल

22 अक्टूबर बुधवार

एमसीएक्स: सुबह के सत्र (सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक) के दौरान बंद रहेगा, शाम के सत्र (शाम 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक) के लिए फिर से खुलेगा.

एनसीडीईएक्स: यहां पूरी तरह ट्रेडिंग अवकाश है.

23 अक्टूबर, गुरुवार

एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स दोनों ही सभी खंडों और समयावधियों में सामान्य ट्रेडिंग संचालन फिर से शुरू करेंगे.

मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास और महत्व

मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली की एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है जिसकी शुरुआत सबसे पहले 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा की गई थी और बाद में 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा इसे अपनाया गया.

ऐतिहासिक रूप से, दलाल समृद्धि और सौभाग्य के साथ नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए इस शुभ समय के दौरान चोपड़ा पूजन, खाता बही की एक अनुष्ठानिक पूजा करते थे.