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50% टैरिफ के बीच मसाला निर्यात को मिला बढ़ावा, 200 से ज्यादा देशों को बेचे जा रहे 60 प्रोडक्ट


Indian Spice Export Boost: अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ विवाद और व्यापारिक तनाव के बावजूद भारत के मसाला व्यापार को बढ़ावा मिला है। 200 से ज्यादा देशों को भारत के मसाले निर्यात किए जा रहे हैं। इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास कहते हैं कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत का मसाला उद्योग फल-फूल रहा है और मसाले का निर्यात 4.45 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। अनुमान है कि साल 2025 तक जैविक खाद्य बाजार 75000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

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60 प्रकार के मसाले निर्यात करता है भारत

योगेश मुद्रास कहते हैं कि भारत के मसाला उद्योग की वैश्विक बाजार में जड़ें काफी गहरी हैं। भारत दुनियाभर के 200 देशों को 60 से ज्यादा प्रकार के मसालों का निर्यात करता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े मसाला उत्पादकों, उपभोक्ताओं और निर्यातकों में से एक है और अपने इस प्रारूप में भारत अपने सुगंधित उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग का लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है। इसके लिए मोदी सरकार की कृषि निर्यात को मजबूत करने, किसानों को लाभ पहुंचाने और वैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति को बढ़ाने वाली नीतियां जिम्मेदार हैं।

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सरकारी स्कीमों ने इंडस्ट्री को किया बूस्ट

मोदी सरकार की स्कीमों और योजनाओं ने किसानों की आय बढ़ाने और उनके लाभ सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी स्कीम लागू की, जिसके तहत कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप्स और किसान समूहों को फसल कटने के बाद प्रबंधन और कृषि परिसंपत्तियों के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में FI इंडिया के 19वें संस्करण और प्रोपैक इंडिया एक्सपो के 7वें संस्करण ने मसाला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। एक्सपो ने 340 से ज्यादा स्टॉल पर प्रदर्शित किए गए उत्पादों ने 15000 से ज्यादा उद्यमियों को आकर्षित किया।

टैरिफ के असर को कम करने का प्रयास

मसाला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार स्वदेशी उत्पादों के महत्व पर जोर दे रही है। सरकारी व्यवसायों को घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात करने में सक्षम उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस दृष्टिकोण से न केवल भारत के निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है, बल्कि किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए नए अवसर भी पैदा होने का अनुमान है। फलों, सब्जियों और पौधों पर आधारित उत्पादों के विस्तार को बढ़ावा मिल रहा है। ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के तरीके तलाश रही है। पैदावार और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कृषि अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने के साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है।