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ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लोकसभा में पास, 5 पॉइंट में जानें पूरी डिटेल


ऑनलाइन गेमिंग बिल लोकसभा में पास हो गया है। इससे बिल से ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ कुछ खेलों पर लगाम कसने की भी तैयारी है। ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सरकार का मकसद है कि ऑनलाइन मनी गेम्स और सट्टेबाजी पर हर तरह से बैन करने काम करना है। इस पर बैन लगाने से ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बहुत बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि हर साल करोड़ों लोग इन ऑनलाइन खेलों पर अपना पैसा लगाते हैं और हारने पर गंवा भी देते हैं।

इन खेलों से पैसों का नुकसान तो होता ही है, लेकिन इसका नशा बड़े से लेकर छोटे बच्चों में बढ़ता जा रहा है। यह समाज के लिए एक बड़ा संकट बनती जा रही है। कई परिवार इन गेम्स के कारण लाखों-करोड़ों रुपये बर्बाद करते हैं। अक्सर इन मामलों में सुसाइड के मामले तक देखने को मिलते हैं। इसलिए सरकार ने इस बिल को पास करके कई खेलों पर लगाम से लेकर कई बढ़ावा देने के लिए लाया गया है। यह निकाय देश के कानूनों का अनुपालन करने के लिए दिशानिर्देश, आदेश और आचरण संहिता जारी करने के लिए जिम्मेदार होगा।

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5 पॉइंट में जानें पूरी डिटेल

ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा

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ऑनलाइन गेमिंग बिल के तहत ई-स्पोर्ट्स को भारत में वैलिड तरीके से मान्यता दी जाएगी। ई-स्पोर्ट्स आयोजनों के ऑपरेशन के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रेनिंग एकेडमी, रिसर्च सेंटर और टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों सटार्ट करेंगे।  बिल में इंसेंटिव स्कीम, जागरूकता अभियान और खेल नीति में ई-स्पोर्ट्स को शामिल किया जाएगा। 

सोशल और एजुकेशनल खेलों को बढ़ावा

ऑनलाइन गेमिंग बिल सरकार को ऑनलाइन सोशल गेम्स को मान्यता, क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार देता है। यह सेफ होने के साथ-साथ और एजुकेशन गेम्स के विकास के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। इससे सांस्कृतिक और एजुकेशनल खेलों पर जोर दिया जाएगा। 

कुछ ऑनलाइन मनी गेम्स पर बैन

ऑनलाइन गेमिंग बिल में ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश या सुविधा पर पूरा बैन लगाने का प्रस्ताव है। अब चाहे वो किसी भी चीज पर बेस्ड हो। इन खेलों का किसी भी जरिए से प्रमोशन नहीं होगा। 

ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी की स्थापना

ऑनलाइन खेलों का क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन

यह फिक्स करना है कि क्या कोई खेल पैसे वाले खेल के रूप में योग्य है या नहीं है।

ऑनलाइन गेम से जुड़ी शिकायतों का समाधान करना है।

अपराध और पेनल्टी

बिल में ऑनलाइन मनी गेमिंग में शामिल या उसे सुविधा देने वाली संस्थाओं के लिए 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव दिया गया है।

खेलों का एडवरटाइजमेंट करने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना या दो साल तक की कैद हो सकती है।

पैसों के खेल से जुड़ी किसी भी फाइनेंशियल लेनदेन करने पर 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है।

अगर कोई दोबारा क्राइम करता है तो सजा बढ़ा दी जाएगी, जिसमें 3-5 साल की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है।

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