Unemployment Rate: बेरोजगारी को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत में रोजगार की दर में बढ़त देखी गई है। जी हां, जुलाई में देश की बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है, जो देश की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत दे रही है। हाल ही में आए आंकड़ों के मुताबिक, सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों में इजाफा हुआ है, जिससे युवाओं को नौकरियां मिली हैं। पिछले साल जून के महीने में बेरोजगारी की दर 5.6% थी, जो इस साल जुलाई में घटकर 5.2% पहुंच गई है।
जानिए पूरी डिटेल
यह बदलाव न केवल श्रम बाजार की स्थिति को बेहतर बना रहा है बल्कि महामारी के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौटती अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक बना रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2025 के बाद 15 साल और उससे अधिक आयु के ग्रामीण पुरुषों के लिए CWS में एलएफपीआर 78.1% थी, जबकि इसी आयु वर्ग के शहरी पुरुषों के लिए एलएफपीआर 75.1% थी।
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क्या कहती है रिपोर्ट?
इस रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा और मौसमी गतिविधियों से जुड़े कामों में रोजगार के अवसर पैदा हुए है। शहरी इलाकों में रिटेल, ट्रांसपोर्ट और मैन्यूफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टरों में नई नौकरियों ने रोजगार दर को बढ़ाया है। हालांकि, अब भी स्थायी नौकरियों की कमी एक बड़ा संकट बनी हुई है लेकिन रोजगार के इन अवसरो से युवाओं को काफी हद तक मदद मिली है।
ग्रामीण महिलाओं की श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि देखी
जून 2025 की तुलना में जुलाई 2025 के दौरान समान आयु वर्ग की ग्रामीण महिलाओं की श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि देखी गई, जो 35.2% से बढ़कर 36.9% हो गई। जुलाई 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यक्तियों के लिए कार्यजनित अनुपात (WPR) बढ़कर 54.4% हो गया, जबकि यह जून 2025 में 53.3% था। शहरी क्षेत्रों में इसी आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए WPR में हल्की वृद्धि दर्ज की गई, जो जून 2025 में 46.8% थी और जुलाई 2025 में 47.0% हो गई।
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