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महंगे सोने का सस्ता विकल्प बन रहा 9 कैरेट, जानिए कौन-कौन से गोल्ड कैरेट्स हैं बाजार में


Types Of Gold Carat: सोना भारतीय परंपरा और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां लोग शादियों से लेकर कई अहम धार्मिक अनुष्ठानों में सोना बनवाते हैं और पहनते हैं। मगर गोल्ड की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को इनसे दूर करने लगी थी। इस वक्त भारत में उत्तम क्वालिटी का गोल्ड 22 कैरेट का सोना माना जाता था, जो कि काफी महंगा है। यह अमीर का विकल्प बनकर ही गया था। ऐसे में अब अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने 9 कैरेट वाले सोने को भी मान्यता दे दी है। इससे लोगों को सोना खरीदने में आसानी होगी।

क्यों चर्चा में 9 कैरेट गोल्ड?

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष राजेश रोकड़े ने एएनआई से बातचीत में बताया कि सोने की बढ़ती कीमतों के कारण अब यह केवल अमीर वर्ग के लिए एक विकल्प बन कर रह गया था। वहीं, जो 9 कैरेट वाला गोल्ड है वह सस्ता, टिकाऊ और स्टाइलिश तीनों है। जेन-जी में भी रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड के आभूषणों की डिमांड ज्यादा है, इसलिए 9 कैरेट को मान्य करना सही फैसला है। 9 कैरेट गोल्ड में कुछ अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से उन ज्वेलरी का रंग कभी फीका नहीं पड़ता है। इसमें स्टाइलिश से लेकर ट्रेडिशनल, सभी प्रकार के गहनों के डिजाइन मिल जाते हैं।

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कितने प्रकार के गोल्ड मौजूद हैं?

भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा मान्यता प्राप्त उद्योग में अभी निम्नलिखित कैरेट के सोने उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग खरीद रहे हैं:-

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  • 24 कैरेट गोल्ड जिसकी शुद्धता 99.9 है और जिसे लोग सिक्के या निवेश के रूप में खरीदते हैं।
  • 22 कैरेट का गोल्ड 91.6% शुद्ध होता है और इसका इस्तेमाल लोग गहने बनाने के लिए करते हैं।
  • 18 कैरेट गोल्ड 75% तक प्योर होता है। इस गोल्ड से मॉडर्न ज्वेलरी बनाई जाती है और यह रोज गोल्ड ऑर्नामेंट्स के लिए भी सोने का विकल्प होता है।
  • 14 कैरेट का सोना 58.5% शुद्ध है, हल्के गहनों के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
  • 10 कैरेट का सोना 41.7% शुद्ध होता है। इसका प्रयोग फैशनेबल ज्वेलरी के लिए किया जाचा है।
  • 9 कैरेट गोल्ड 37.5% शुद्ध है और लोगों के लिए किफायती विकल्प होता है।

ग्राहकों में किस कैरेट गोल्ड की डिमांड ज्यादा?

हालांकि, सामान्य गहनों के लिए बाजार में 22 कैरेट का इस्तेमाल होता है। वहीं, 24 कैरेट गोल्ड के गहनों के लिए पहले इसके सिक्के या बिस्किट खरीदे जाते हैं और फिर उनसे गहनें बनवाए जाते हैं। ये अमीर ग्राहकों के लिए विकल्प बनता है। मिडिल क्लास और युवा वर्गों के लिए 18K, 14K और अब 9K गोल्ड की डिमांड काफी बढ़ गई है। दरअसल, इस कैरेट के सोने की मदद से डिजाइनर और ट्रेंडी ज्वेलरी को किफायती दामों में खरीदा जा सकता है।

पिंक गोल्ड और रोज गोल्ड की मांग क्यों बढ़ रही है?

इन गोल्ड कैरेट्स की लोकप्रियता भारत में मिलने वाले आम पीले सोने से ज्यादा हो गई है क्योंकि युवाओं में इसका आकर्षण बढ़ रहा है। रोज गोल्ड और पिंक गोल्ड से फैशनेबल, लाइट, यूनिक और कस्टमाइज्ड गहनें बनवाए जा सकते हैं। शादी के लिए भी इस गोल्ड के गहनों की डिमांड तेज हो रही है। इन गोल्ड की कलर क्वालिटी भी अच्छी होती है क्योंकि ये गहनें मिश्रित धातुओं की मदद से बनते हैं। जेन-जी को भी शादी और सगाई के लिए अपनी अंगूठी रोज या पिंक गोल्ड की चाहिए होती है।

इन दोनों प्रकार के गोल्ड में ज्यादा अंतर नहीं होता है। पिंक गोल्ड को रोज गोल्ड ही माना जाता है, इनमें सिर्फ थोड़ा कलर डिफरेंस होता है। फैशनेबल ब्राइडल रिंग्स, फैशनेबल एक्सेसरीज और विंटेज डिजाइन के गहने रोज या पिंक गोल्ड में आसानी से बनाए जा सकते हैं। इस गोल्ड की खासियत यह है कि इन्हें लोग अपनी डेली लाइफ में रोजाना बिना किसी डर के पहन सकते हैं। रोज गोल्ड की डिमांड दिसंबर 2024 से काफी तेज हो गई है। इस शेड में अब मोबाइल फोन भी मिलने लगे हैं। घड़ियों में भी गोल्ड की जगह पिंक या रोज गोल्ड की मांग अधिक होती है।

व्हाइट गोल्ड क्या है?

यह भी एक मिश्रित गोल्ड है जो सफेद रंग का होता है और पीले सोने की तुलना में किफायती और टिकाऊ होता है। इस गोल्ड में पैलेडियम, निकल, सिल्वर और प्लैटिनम का मिश्रण होता है। व्हाइट गोल्ड के गहनों की चमक को बढ़ाने के लिए रोडियम का इस्तेमाल किया जाता है। आजकल डायमंड ज्वेलरी के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला गोल्ड यही है। इसे भी रोजाना पहना जा सकता है। व्हाइट गोल्ड के गहने भी 18K, 14K या 9K गोल्ड से बनाए जाते हैं। इसके दाम गोल्ड के प्रकार के अनुसार हो सकते हैं।

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