देश का सर्विस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियों का कामकाज बढ़ गया है, विदेशों से भी कई ऑर्डर मिल रहे हैं और सबसे अच्छी बात बहुत सारी नई नौकरियां आई हैं। जो लोग नौकरी ढूंढ़ रहे थे, उनके लिए यह समय उम्मीद से भरा है। एक सर्वे के अनुसार, कंपनियों ने इस महीने रिकॉर्ड संख्या में नए लोगों को नौकरी पर रखा है। इसका मतलब है कि भारत का सर्विस सेक्टर अब सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले दिन और भी अच्छे हो सकते हैं।
मई में सर्विस सेक्टर की रफ्तार बनी रही
भारत की सेवा (सर्विस) क्षेत्र ने मई 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। HSBC इंडिया सर्विसेज PMI (HSBC India Services PMI) बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 58.8 पर पहुंच गया, जो अप्रैल के 58.7 से थोड़ा ऊपर है। 50 से ऊपर का कोई भी आंकड़ा ग्रोथ को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे गिरावट का संकेत होता है। यह साफ है कि भारत की सेवाओं की मांग लगातार बनी हुई है। इस वृद्धि का कारण मजबूत अंतरराष्ट्रीय मांग, जबरदस्त एडवरटाइजिंग और पुराने ग्राहकों से बार-बार मिलने वाले ऑर्डर हैं। कंपनियों ने नए ग्राहक भी जोड़े और एशिया, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका से एक्सपोर्ट ऑर्डर में भी तेजी देखी गई।
📈🇮🇳 India Services Surge on Exports, Record Hiring Despite Inflation Spike
May services PMI hit 58.8 as export orders soared and hiring hit survey-high since 2005.
—विज्ञापन—Rising costs may test RBI’s easing path ahead of Friday’s expected rate cut to 5.75%. pic.twitter.com/WD1ilfAPLY
— PiQ (@PiQSuite) June 4, 2025
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची नौकरियों की भर्ती
HSBC की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजल भंडारी ने कहा, ‘भारत ने मई 2025 में 58.8 का सर्विसेज PMI दर्ज किया, जो पिछले कुछ महीनों की स्थिरता को दर्शाता है। खास बात यह रही कि अंतरराष्ट्रीय मांग भी तेजी से बढ़ी, जिससे एक्सपोर्ट कारोबार इंडेक्स में उछाल आया’ इस मांग को पूरा करने के लिए कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की। करीब 16 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उन्होंने नए लोगों को नौकरी पर रखा, जबकि केवल 1 प्रतिशत ने छंटनी की। यह अब तक का सबसे फास्ट रिक्रूटमेंट दर है, जो सर्वे के इतिहास में रिकॉर्ड बन गया।
कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ा
हालांकि इतनी तेजी से भर्ती करने और ओवरटाइम वेतन देने की वजह से कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ा है। खासकर खाने के तेल, मीट और अन्य कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई, जिससे प्रोडक्शन की लागत बढ़ी। इसके चलते कंपनियों को अपने प्रोडक्ट और सर्विस के दाम भी थोड़ा बढ़ाने पड़े। फिर भी ज्यादातर कंपनियों को आने वाले समय को लेकर उम्मीद है। उनका मानना है कि आगे चलकर उनके ग्राहक बढ़ेंगे, कर्मचारियों की हालत सुधरेगी और अगर वे खास तरीके से एडवरटाइजिंग करेंगी, तो और तरक्की करेंगी।
मैन्युफैक्चरिंग की धीमी रफ्तार, लेकिन कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन
HSBC इंडिया कॉम्पोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स, जो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टरों का औसत होता है, वह मई में 59.3 रहा। हालांकि यह अप्रैल के 59.7 से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी यह एक अच्छा प्रदर्शन है। इसका कारण यह रहा कि मई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ थोड़ी धीमी रही, जबकि सर्विस सेक्टर ने रफ्तार बनाए रखी। यह सर्वे S&P Global द्वारा किया गया, जिसमें लगभग 400 कंपनियों को शामिल किया गया था, जिनमें फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर शामिल हैं।