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‘युवा आबादी की धड़कन ऊर्जा से भरपूर’, WAVES 2025 में क्या बोलीं नीता अंबानी?


मुंबई में चल रहे चार दिवसीय WAVES 2025 समिट का शुक्रवार को दूसरा दिन रहा, जिसमें जियो स्टार की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने शिरकत की। नीता अंबानी ने अपने कीनोट भाषण में कहा कि आप सभी के साथ यहां उपस्थित होना मेरे लिए परम आनंद और सौभाग्य की बात है। यह पहला WAVES शिखर सम्मेलन है और इसने पहले ही चारों ओर हलचल मचा दी है। इसने 100 से अधिक देशों की सबसे जीवंत रचनात्मक आवाजों को एक मंच पर एक साथ लाया है।

जियो स्टार की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने इस शिखर सम्मेलन के लिए अविश्वसनीय विजन और भारतीय संस्कृति को दुनिया में ले जाने में उनके निरंतर एवं अद्वितीय नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन इस बात की याद दिलाता है कि हम कौन हैं? मेरे भाषण का मुख्य विषय है ‘भारत को दुनिया में ले जाना’।

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पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रभाव : नीता अंबानी

उन्होंने कहा कि इंटरनेट या यहां तक कि सिनेमा के जन्म से बहुत पहले भारतीय संस्कृति का प्रभाव पूरी दुनिया में फैल चुका था। भारत को दुनिया में ले जाना कोई नई अवधारणा या नया विचार नहीं है। हजारों सालों से भारत का प्रभाव दूर-दूर तक फैला हुआ है। प्राचीन काल में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में दुनिया भर से सैकड़ों बौद्ध भिक्षु पैदल भारत आते थे। जापान और इंडोनेशिया में आज भी लक्ष्मी, सरस्वती, शिव, राम और गणेश जैसे हिंदू देवताओं की पूजा की जाती है। भारत के मंदिर वास्तुकला की भव्यता कंबोडिया के अंगकोर वाट, इंडोनेशिया के बोरोबुदुर और वियतनाम के चाम मंदिरों के खंडहरों में देखी जा सकती है।

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युवा आबादी की धड़कन ऊर्जा से भी भरपूर : जियो स्टार की चेयरपर्सन

नीता अंबानी ने आगे कहा कि भारतीय दर्शन ने दुनिया के कुछ महान विचारकों और दार्शनिकों पर गहरी छाप छोड़ी है। हम अपनी सभ्यता के ज्ञान से समृद्ध देश हैं। साथ ही दुनिया की सबसे युवा आबादी की धड़कन ऊर्जा से भी भरपूर है। एक ऐसा देश जहां पवित्र परंपराएं आधुनिक गतिशीलता से पूर्ण सामंजस्य में मिलती हैं। जहां हमारी अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत, जो जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। हमारी बढ़ती वैश्विक सॉफ्ट पावर से मिलती है।

भारत वह स्थान है, जहां से सबकी शुरुआत हुई : नीता अंबानी

जियो स्टार की चेयरपर्सन ने कहा कि हम एक कालातीत सभ्यता हैं, जिसने मानवता को सत्य, अहिंसा, एकता और अमन के स्थायी आदर्शों का उपहार दिया है, जिसने दुनिया को वेदों, भगवद गीता और गौतम बुद्ध एवं महात्मा गांधी की शिक्षाओं का ज्ञान दिया। भारत वह स्थान है, जहां से यह सब शुरू हुआ। भारत ओम का उद्गम स्थल है- हमारे ब्रह्मांड के जन्म की ध्वनि। शून्य का जन्मस्थान- अनंत की शुरुआत। संस्कृत का घर- जिसने दुनिया को भाषा दी। योग और आयुर्वेद की भूमि। आर्यभट्ट की खगोलीय गणनाओं से लेकर आदि शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत तक विज्ञान और दर्शन में अग्रणी। कला और साहित्य का प्रकाश स्तंभ- हमारे शास्त्रीय संगीत और नृत्य रूपों से लेकर महाकाव्य रामायण और महाभारत तक। हम सभ्यता के पालने हैं। एक सांस्कृतिक शक्ति जिसका समय आ गया है।

‘हर सभ्यता एक कहानी कहती है’

उन्होंने आगे कहा कि हर सभ्यता एक कहानी कहती है। कुछ लोग इसे शक्ति और ताकत के साथ कहते हैं, लेकिन हमने हमेशा अपनी कहानियों को अपनी आत्मा से कहा है। 5000 से अधिक वर्षों से हमारे कथावाचकों से लेकर यात्रा करने वाले कवियों तक; हमारे पौराणिक लोकगीतों से लेकर मंदिर भित्तिचित्रों तक; और हमारे महाकाव्यों से लेकर वर्तमान सिनेमा तक- कहानी कहने की कला हमेशा हमारी विरासत की धड़कन रही है। आधुनिक युग में भारत की शानदार विरासत और हमारे रंगमंच, नृत्य, संगीत, सिनेमा, लेखकों, कलाकारों और कारीगरों की कोमल शक्ति ने दुनिया के सभी महाद्वीपों और कोनों में लोगों के दिल और दिमाग को जीत लिया है।

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Current Version

May 02, 2025 22:45

Edited By

Deepak Pandey