Kerala: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सी पोर्ट को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। केरल में तिरुवनंतपुरम के पास मौजूद 8,900 करोड़ रुपये की ये परियोजना भारत के सबसे महत्वाकांक्षी पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर्स में से एक है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है। बंदरगाह को वर्तमान में डिजाइन, निर्माण, फाइनेंस, संचालन और ट्रांसफर के आधार पर विकसित किया जा रहा है। निजी भागीदार, अडाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 5 दिसंबर 2015 को इसका निर्माण शुरू किया था।
विझिंजम बंदरगाह समृद्धि की राह पर एक महत्वाकांक्षी कदम है। केरल के विझिंजम में स्थित, APSEZ इसे भारत के पहले मेगा ट्रांसशिपमेंट कंटेनर टर्मिनल के रूप में विकसित कर रहा है। भविष्य के लिए तैयार यह बंदरगाह भारतीय उपमहाद्वीप में एकमात्र ट्रांसशिपमेंट हब है, जो इंटरनेशनल शिपिंग रूट्स के सबसे करीब है। यह भारतीय कोस्टलाइन के केंद्र में बना है।
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#WATCH | Thiruvananthapuram, Kerala: Prime Minister Narendra Modi to dedicate to the nation ‘Vizhinjam International Deepwater Multipurpose Seaport’ worth Rs 8,900 crore on May 2
—विज्ञापन—The Vizhinjam International Transhipment Deepwater Multipurpose Seaport is an ambitious project… pic.twitter.com/HkDGt0t3so
— ANI (@ANI) May 1, 2025
केवल अडाणी ही इसको कर सकते हैं- सुरेश बाबू
विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड (VISL) के पूर्व एमडी और CEO सुरेश बाबू का कहना है कि ‘यह भारत के लिए एक परियोजना है, और अडाणी कंसेसियनार होने के नाते, मुझे यकीन है कि उनकी विशेषज्ञता के साथ, वे यहां अच्छा काम कर पाएंगे। रियायतकर्ताओं (Concessionaire) के सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, केवल अडानी ही इस परियोजना को कर सकते हैं, क्योंकि वे भारत और केरल की स्थितियों को जानते हैं और उनके पास इस क्षेत्र में एक्सपर्टीज है।’
#WATCH | Thiruvananthapuram | PM Modi will dedicate the Vizhinjam International Deepwater Multipurpose Seaport to the nation tomorrow. The ambitious project of the Kerala government is being developed under the PPP model. The private partner, the Concessionaire Adani Vizhinjam… pic.twitter.com/CwbZYNDyyR
— ANI (@ANI) May 1, 2025
5 कंपनियों को मिला था मौका
सुरेश बाबू ने आगे कहा कि 2014 में, चौथा टेंडर जारी किया गया था, और लगभग 5 प्रमुख कंपनियां उस टेंडर के लिए क्वालिफाई हुई थीं। उनमें से केवल तीन ने टेंडर के डॉक्यूमेंट्स खरीदे। लेकिन बाद में अडाणी ने बोली लगाई और सितंबर 2015 में समझौते पर साइन किए गए, जिसके लिए दिसंबर 2015 में इसका काम शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि हमें यहां एक इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट पोर्ट मिल रहा है।
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May 02, 2025 11:21
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Shabnaz