शेयर बाजार या सोना? मौजूदा वक्त में यह सवाल लगभग हर उस व्यक्ति के दिमाग में घूम रहा है, जो भविष्य में अपने पोर्टफोलियो को मजबूत होते देखना चाहता है। शेयर बाजार करीब पांच महीनों के दबाव के बाद अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते कुछ सत्रों में इसने अच्छा प्रदर्शन किया है। जबकि गोल्ड एक लाख रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद फिसल रहा है। इस वजह से निवेशक थोड़े कंफ्यूज हो गए हैं कि पैसा कहां लगाया जाए।
पिछले साल से अधिक तेजी
गोल्ड ने इस साल अब तक शानदार रिटर्न दिया है। 2025 के पहले चार महीनों में ही यह 25% से अधिक रिटर्न दे दिया है। एक अप्रैल को सोना 91 हजार रुपये के आसपास चल रहा था और अब 98 हजार के आंकड़े पर है। बीते दो सत्रों में गिरावट के चलते गोल्ड एक लाख के ऐतिहासिक आंकड़े से नीचे आ गया है। पिछले साल सोने का रिटर्न करीब 24.41 प्रतिशत और चांदी का 14.12 प्रतिशत था. यानी सोना इस बार अधिक तेजी से भागा है। इसके मुकाबले शेयर बाजार की रफ्तार धीमी रही है। 2024 में निफ्टी लार्जकैप 250 का रिटर्न 19% था।
गोल्ड पर बनी है आशंका
सोने के इतिहास की बात करें, तो 2005 से गोल्ड ने लगभग हर साल औसतन 20% का रिटर्न दिया है। महज तीन बार ऐसा हुआ है जब सोने का रिटर्न नेगेटिव रहा। 2023 में यह 18% लुढ़का, 2015 में 8% और 2021 में इसमें 2% की गिरावट आई। इस वजह से निवेशक सोने के प्रति हमेशा से आकर्षित रहे हैं। हालांकि, इस बार स्थिति कुछ अलग बन गई है। सोना जिस ऊंचाई पर है, वहां से उसके काफी नीचे खिसकने का अनुमान लगाया जा रहा है। कुछ कमोडिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर यूएस-चीन के बीच हालात सामान्य होते हैं, तो अगले 6 महीनों में सोना 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर भी पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में 98 हजार पर दांव लगाने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
मार्केट के लिए अच्छे संकेत
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स बीते एक महीने में 2.43% और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 2.58% चढ़ा है। इससे पता चलता है कि मार्केट रफ्तार पकड़ रहा है। हालांकि, सोने जितनी तेजी के लिए उसे अपनी स्पीड टॉप गेयर में डालनी होगी। शेयर बाजार के लिए अच्छी बात यह है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर भड़कने की आशंका कम हो गई है। तमाम एक्सपर्ट्स पहले से चेता रहे हैं कि अगर दुनिया की इन 2 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टकराव खत्म नहीं हुआ, तो पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ेगा। इसके अलावा, विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि मार्केट अब तेजी से दौड़ लगा सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल स्टॉक मार्केट पर ज्यादा फोकस अच्छा रहेगा। मौजूदा स्तर पर सोने में बड़ी खरीदारी, उसकी कीमतों में आई नरमी पर नुकसान का कारण बन सकती है। जबकि स्टॉक मार्केट के लिए कोई नेगेटिव सेंटीमेंट फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। पहलगाम हमले के बाद बाजार में भले ही हल्की गिरावट है, लेकिन इससे वह जल्द ही बाहर निकल आएगा, क्योंकि घरेलू स्तर पर फंडामेंटल मजबूत हैं। उनका कहना है कि भले ही स्टॉक मार्केट में गोल्ड जैसा उछाल अभी न आए, लेकिन वह धीरे-धीरे मजबूती हासिल कर सकता है।
गोल्ड बेचें या होल्ड करें?
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि यदि पोर्टफोलियो में गोल्ड की होल्डिंग 20-25% से अधिक है, तो प्रॉफिट बुकिंग अच्छी रहेगी। उनके अनुसार, हालिया गिरावट के बाद भी गोल्ड रिकॉर्ड हाई पर ऐसे में कुछ सोना बेचकर मुनाफावसूली करना अच्छा रहेगा। क्योंकि जिस तरह का माहौल अंतर्राष्ट्रीय स्तर बन रहा है, उससे गोल्ड प्राइस नीचे जा सकते हैं। लिहाजा इस स्थिति में कुछ न कुछ सोना बेचना अच्छा रहेगा।
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Apr 24, 2025 13:19
Edited By
Neeraj