अमेरिकी बाजार एक बार फिर बिखर गया है। यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर 90 दिनों की राहत से बाजार को बूस्ट मिला था और उसमें उछाल देखने को मिला था। माना जा रहा था कि अब यहां से सबकुछ अच्छा ही होगा, लेकिन मार्केट अचानक फिर गिर गया। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वहां होने वाली हर हलचल से भारत सहित दुनिया के बाकी बाजारों के प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है। चलिए जानते हैं कि ट्रंप के टैरिफ पर कदम वापस लेने के बाद भी आखिर अमेरिकी बाजार का मूड क्यों खराब हुआ है और भारत के लिए इसके क्या संकेत हैं?
बाजार में बड़ी गिरावट
यूएस मार्केट में बुधवार को तेजी आई थी और गुरुवार को बाजार फिर लाल हो गया। कल तीनों प्रमुख इंडेक्स बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबार की समाप्ति पर नैस्डैक कंपोजिट में 4.31%, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 2.50% और S&P 500 में 3.46% की गिरावट आई। इस दौरान, टेस्ला का शेयर 7.27%, एप्पल का 4.24%, मेटा का 6.74% और अमेजन का 5.17% लुढ़का है। इनके अलावा भी कई दिग्गज कंपनियों के स्टॉक बड़ी गिरावट का सामना कर रहे हैं।
टला नहीं है खतरा
टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप के यू-टर्न के बाद भी अमेरिकी बाजार में घबराहट है। इसकी वजह यूएस बॉन्ड यील्ड की कमजोरी और डॉलर इंडेक्स का लगातार नीचे जाना है। इन दो मोर्चों पर चिंता से बाजार को यह संदेश गया है कि खतरा अभी टला नहीं है। इसके अलावा, चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ जंग अब एक अलग ही लेवल पर पहुंच गई है। यूएस ने चीन पर टैरिफ 125% से बढ़ाकर 145% कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन पर 20% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। इस तरह यह बढ़कर 145% हो गया है।
बाजार में अनिश्चितता
चीन बड़े पैमाने पर अमेरिकी बाजार की जरूरतों को पूरा करता रहा है। ऐसे में उसके खिलाफ हर दिन बढ़ रहे टैरिफ से स्थिति बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 90 दोनों की राहत के बाद भी चीन के टैरिफ में बढ़ोतरी ने प्रभावी टैरिफ रेट को ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है। इस वजह से बाजार में अनिश्चितता बरकरार है। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन के साथ बढ़ता टकराव अमेरिका के लिए भी घाटे का सौदा है, इससे निवेशकों में घबराहट है।
भारत पर भी होगा असर
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ को भी 90 दिनों के लिए रोक दिया है। यह खबर मार्केट को बूस्ट देने के लिए काफी है, लेकिन अमेरिकी बाजार की गिरावट से इस पर आशंका के बादल भी मंडराने लगे हैं। अगर मार्केट आज बढ़त हासिल करने में कामयाब भी रहता है, तो आगे उसके दबाव में कारोबार करने की आशंका बनी रहेगी। अमेरिका और चीन दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, दोनों के बीच टकराव का असर भारत पर भी पड़ सकता है। इस टकराव से सप्लाई चेन प्रभावित होने की स्थिति में भारत के कुछ सेक्टर्स को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
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Apr 11, 2025 08:14
Edited By
Neeraj