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RBI की बैठक में रेपो रेट में कटौती के क्या मायने, आपकी जेब पर क्या असर?


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का ऐलान किया है, लगातार दूसरी बार ऐसा फैसला लिया गया है। इससे पहले फरवरी में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी। 5 साल में रेपो रेट में यह पहली कटौती थी। नई कटौती के बाद रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है। आरबीआई की ओर से बैंकों को रेपो रेट के हिसाब से ही लोन दिया जाता है। इस रेट के कम होने का असर सीधा लोगों पर पड़ेगा। होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की कम किस्त चुकानी होगी। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की नए फाइनेंशियल ईयर में पहली बैठक थी, इसमें लिए गए फैसलों के बारे में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने विस्तार से जानकारी दी है।

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RBI गवर्नर के अनुसार एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में कटौती करने का फैसला लिया। नए वित्त वर्ष पर ट्रेड को लेकर कुछ आशंकाएं सही साबित हो रही हैं। ग्लोबल कम्युनिटी इसको लेकर गंभीर है। भारतीय अर्थव्यवस्था कीमतों में स्थिरता और रेगुलर विकास के मामले में तरक्की कर रही है। अमेरिकी टैरिफ के साथ नए साल की अर्थव्यवस्था शुरू हुई है। हालात पर उनकी नजर है, भारतीय अर्थव्यवस्था टारगेट के साथ आगे बढ़ रही है। आर्थिक वृद्धि में सुधार के प्रयास जारी हैं। मौद्रिक नीति समिति का मानना है कि उदारीकरण पर जोर दिया जाए।

विस्तार से समझिए आंकड़े

RBI का अनुमान है कि रियल GDP ग्रोथ इस फाइनेंशियल ईयर में साढ़े 6 फीसदी रह सकती है। पहले 6.7 फीसदी के आसार थे, लेकिन अब पहली तिमाही में साढ़े 6 फीसदी, दूसरी में 6.7 फीसदी, तीसरी में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.3 फीसदी रहने के आसार हैं। अगले फाइनेंशियल ईयर में महंगाई 4 फीसदी रह सकती है, जो फरवरी के मुकाबले 4.2 फीसदी के अनुमान से कम है। मल्होत्रा के अनुसार पहली तिमाही में महंगाई की दर 3.6 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी रहने के आसार हैं।

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खुदरा महंगाई की दर में गिरावट

मल्होत्रा के अनुसार दुनिया का आर्थिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, नए व्यापारिक उपायों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। पहले से अनुमान लगाया जा रहा था कि रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती RBI कर सकता है। विशेषज्ञ भी ऐसा मान रहे थे। फरवरी की बात करें तो भारत की खुदरा महंगाई की दर 3.61 फीसदी तक गिर गई थी। जनवरी में यह 4.26 फीसदी थी। पिछले 7 महीने में पहली बार RBI के 4 फीसदी के लक्ष्य से कम रही थी। फिलहाल भी महंगाई की दर कम रहने का अनुमान जताया गया है।

आम लोगों पर असर

अगर किसी व्यक्ति ने 8.5 फीसदी की ब्याज दर पर होम लोन लिया है। 25 बीपीएस की दर कटौती के साथ उसकी ब्याज दर 8.25 फीसदी रह जाएगी। अगर किसी व्यक्ति ने 12 फीसदी की ब्याज दर पर पर्सनल लोन लिया है तो नई कटौती के साथ उसकी ब्याज दर 11.75 फीसदी रह जाएगी। 9.5 फीसदी की ब्याज दर पर कार लोन लिया है तो ब्याज दर 9.25 फीसदी रह जाएगी।

Current Version

Apr 09, 2025 12:23

Edited By

Parmod chaudhary