अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ का असर आज भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर नजर आया। टैरिफ के ऐलान से पहले तक बेखौफ आगे बढ़ रहा बाजार लगातार दो सत्रों में गिरावट के साथ बंद हुआ। 3 अप्रैल को मार्केट लाल रहा और आज यानी 4 अप्रैल को उसकी लाली गहरी हो गई। कहने का मतलब है कि गिरावट पहले से चौड़ी रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 930.67 अंकों की कमजोरी के साथ 75,361.49 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 345.65 अंक गिरकर 22,904.45 पर बंद हुआ है।
दबाव में रहे ये इंडेक्स
नए अमेरिकी टैरिफ से भारत के कई सेक्टर्स के प्रभावित होने की आशंका है। इसी आशंका में आज फार्मा इंडेक्स 4% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। सिप्ला लिमिटेड के शेयर में इस दौरान करीब छह प्रतिशत की गिरावट आई। Biocon भी लगभग इतना ही टूटा। इसी तरह, Dr Reddy भी कारोबार के दौरान लाल रहा। हालांकि, Mankind Pharma जरूर मामूली बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा। फार्मा की तरह, निफ्टी ऑटो, आईटी और मेटल इंडेक्स भी दबाव में रहे।
बिगड़ सकते हैं हालात
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत पर दूसरे कई देशों के मुकाबले टैरिफ भले ही कम है, लेकिन अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई की है और इसका असर कुछ सेक्टर्स पर नजर आ सकता है। इसी को लेकर बाजार आशंकित है और निवेशक भयभीत। दरअसल, अब एक नए टैरिफ वॉर की आशंका उत्पन्न हो गई है। यूरोपीय यूनियन और चीन सहित बाकी देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा सकते हैं। चीन पूर्व में अमेरिका को उसी की भाषा में जवाब दे चुका है। जानकारों के अनुसार, यह अनिश्चितता कुछ समय तक रह सकती है। ऐसे में निवेशक सतर्क रुख अख्तियार करेंगे और बाजार उतार-चढ़ाव का सामना करता रहेगा।
बढ़ गई ये आशंका
भारत के लिए परेशानी वाली बात यह है कि ट्रंप के टैरिफ से विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ सकती है। लंबे समय के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने हाल ही में खरीदारी शुरू की थी, लेकिन जवाबी टैरिफ की तारीख नजदीक आते ही वे फिर से बिकवाल बन गए। अब जब यह साफ हो गया है कि अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया है, तो उनके भारतीय बाजार से पैसा निकालने की आशंका भी मजबूत हो सकती है। गुरुवार को ही FIIs 2,806 करोड़ की बिकवाली की है। इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की खरीदारी केवल 221 करोड़ की रही।
अमेरिका में मंदी का खतरा
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से केवल भारत या एशियाई बाजार ही प्रभावित नहीं हुए हैं। यूएस मार्केट ने भी बड़ा नुकसान उठाया है। 3 अप्रैल को अमेरिका का S&P 500 इंडेक्स 4.9% और Nasdaq 100 5.41% गिरा, जो 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। इसके अलावा, अमेरिका में मंदी का खतरा बढ़ गया है। दिग्गज फाइनेंशियल संस्थानों का कहना है कि अमेरिका में मंदी आने की संभावना तेजी से बढ़ रही है। JP Morgan ने इस संभावना को 60% कर दिया है। उसका यह भी कहना है कि टैरिफ से अमेरिका में महंगाई भड़क सकती है।
क्या करेंगे निवेशक?
बाजार के जानकारों का कहना है कि फिलहाल भारतीय बाजार में अगले कुछ दिन उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। भारत के पास अभी अमेरिका से मोलभाव का मौका है, ऐसे में टैरिफ के प्रभाव को सीमित करने की संभावना भी बनी रहेगी। उनका यह भी कहना है कि निवेशकों को अभी अलर्ट मोड में रहना चाहिए। बड़ी गिरावट पर निराश या हताश होकर बिकवाली से बचना चाहिए। साथ ही जल्दबाजी में खरीदारी भी ठीक नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारतीय बाजार पांच महीनों के दबाव से बाहर निकल आया था। इसी तरह, यह संकटकाल भी दूर हो जाएगा, बस थोड़े समय की जरूरत है।
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Apr 04, 2025 16:00
Edited By
Neeraj