Gold Price Update: सोने की कीमतों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। उदाहरण के लिए, क्या इस साल भी दाम तेजी से बढ़ेंगे? क्या किसी बड़ी गिरावट की संभावना है? हाल ही में आए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 से ये सवाल और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं। दरअसल, इकोनॉमिक सर्वे में साल 2025 में सोने की कीमतों में गिरावट और चांदी की कीमतों में उछाल की संभावना जताई गई है।
लगातार आ रही तेजी
इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 31 जनवरी, यानी जब आर्थिक सर्वेक्षण पेश हुआ, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 82086 रुपये थी और 4 फरवरी को यह 83010 के पार पहुंच चुका था। यानी महज चार दिन में ही इसने करीब हजार रुपये की मजबूती हासिल कर ली। आज भी सोना बढ़त के साथ ही कारोबार कर रहा है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साल सोने की कीमतों में जिस रफ्तार से तेजी आई थी, वैसी इस साल अब तक देखने को नहीं मिली है।
उछाल के हैं पूरे आसार
1 फरवरी को पेश आम बजट में यदि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान होता, तो इसकी कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि गोल्ड में खरीदारी के अनगिनत मौके मिलेंगे। कहने का मतलब है कि उसके दाम बड़ी गिरावट का सामना करेंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में उछाल के पूरे आसार हैं।
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दूर नहीं होगी चिंता
जानकारों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा बहुत हो रहा है और होने की आशंका है, जिससे सोने में निवेश बढ़ेगा और जाहिर है इससे उसकी कीमतों में भी उछाल आएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से सोने की कीमतें आगे भी प्रभावित होंगी। ट्रंप ने जब कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया, तब गोल्ड के दाम बढ़े थे। भले ही अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको के मामले में टैरिफ संबंधी आदेश पर 30 दिनों की रोक लगा दी हो, लेकिन इससे निवेशकों की चिंता दूर नहीं होगी।
बढ़ सकती है टेंशन
चीन ने अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ना लाजमी है। रॉयटर्स के मुताबिक, ब्लू लाइन फ्यूचर्स के मुख्य बाजार रणनीतिकार फिलिप स्ट्रीबल का कहना है कि सोने की कीमतों में टैरिफ संबंधी फैसले का असर हुआ है। बहुत से लोगों का मानना है कि इससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और आर्थिक विकास पर भी असर पड़ सकता है। बता दें कि इस तरह के अस्थिरता वाले माहौल में सोने में निवेश बढ़ जाता है और डिमांड बढ़ने से कीमतें भी बढ़ती हैं।
अब क्या हो रणनीति?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो माहौल है, उससे सोने की कीमतों में तेजी का अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसे में हर गिरावट पर खरीदारी की रणनीति सही हो सकती है। वहीं, सोने की बढ़ती कीमतों से ज्वेलरी मार्केट के भी प्रभावित होने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
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Feb 05, 2025 09:56
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News24 हिंदी