US Fed Rate Cut Decision: अमेरिका से बड़ी खबर आई है। वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। उम्मीद के अनुरूप 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। हालांकि, इस अच्छी खबर के बावजूद अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्टॉक मार्केट ब्याज दरों में उम्मीद अनुरूप कटौती के बाद भी 18 दिसंबर को पूरी तरह लाल नजर आया।
इतनी आई गिरावट
माना जा रहा था कि नीतिगत ब्याज दरों में कटौती पर बाजार तेज रफ्तार से दौड़ सकता है, लेकिन हुआ इसके एकदम उलट। US मार्केट का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस (Dow Jone) 1123 अंक टूटकर कल 42336.87 के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह, S&P और Nasdaq में भी गिरावट देखने को मिली। आमतौर पर जब अमेरिकी बाजार बड़ी गिरावट का सामना करते हैं, तो दुनियाभर के बाजारों पर उसका असर नजर आता है।
इसलिए बिगड़ा मूड
US मार्केट में आई गिरावट का मतलब यह नहीं है कि बाजार ब्याज दरों में कटौती से खुश नहीं है। बल्कि मार्केट भविष्य की आशंका को लेकर डरा हुआ है और इसी डर में कल क्रैश हो गया। जानकारों का कहना है कि साल 2025 में 4 की जगह सिर्फ 2 बार कटौती की ही संभावना है, इस वजह से बाजार का मूड खराब हुआ है। उनके अनुसार, इससे इंडियन मार्केट पर भी असर दिखाई दे सकता है। खासकर आईटी कंपनियों के शेयर दबाव में रह सकते हैं।
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महंगाई पर सख्ती
अमेरिका में महंगाई दर नीचे आई है, लेकिन फेडरल रिजर्व को लगता है कि इस पर और सख्ती की जरूरत है। इसलिए माना जा रहा है कि 2025 में 4 की जगह सिर्फ 2 बार कटौती संभव है। अमेरिकी बैंक की बैठक से पहले कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा था कि अगर 2025 में ब्याज दरों में कटौती को लेकर उम्मीद अनुरूप खबर नहीं आती, तो मार्केट का मूड बिगड़ सकता है और यही देखने को मिला है।
बाजार में दिखेगा असर
अमेरिकी फेड रिजर्व के फैसले और अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का भारतीय बाजार पर क्या असर होगा? जानकारों का कहना है कि संभव है कि US मार्केट में आई गिरावट का तत्काल प्रभाव भारतीय बाजार पर पड़े और वो भी लाल हो जाए। लेकिन मीडियम से लॉन्ग-टर्म में इसका खास इम्पैक्ट नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार, मार्केट पहले ही कुछ दिनों से नरमी देख रहा है, यूएस फेड के फैसले जैसी बड़ी घोषणाओं से पहले यह आम बात है। क्योंकि निवेशक सतर्क हो जाते हैं।
हमें ऐसे मिलेगा फायदा
US फेड द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करेगी। इससे डॉलर के कमजोर होने और भारतीय रुपये में मजबूती की संभावना है। यदि रुपया मजबूत होगा तो हमारे लिए आयात सस्ता हो जाएगा। आमतौर पर जब अमेरिका ब्याज दरों में कटौती करता है, तो निवेशकों को अमेरिका में निवेश कम आकर्षक लगता है। नतीजतन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स भारत जैसे उभरते बाजारों में बेहतर रिटर्न की तलाश करते हैं, जिससे संभावित रूप से विदेशी निवेश में वृद्धि हो सकती है।
RBI पर भी बढ़ा दबाव
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दरों में कटौती का असर RBI पर भी पड़ने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कमी का दबाव बढ़ गया है। RBI ने पिछली कई बार से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। फरवरी में होने वाली बैठक में वह भी US फेड की तरह कोई फैसला ले सकता है। हालांकि, यह इस बार पर निर्भर करेगा कि महंगाई की चाल कैसी रहती है।
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Dec 19, 2024 09:37
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News24 हिंदी