दिवाली के बाद दिल्ली-NCR की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. 21 अक्टूबर को आयोग (CAQM) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 351 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. इस स्तर पर सरकार द्वारा लागू किया गया ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण सक्रिय हो जाता है. आने वाले दिनों में जैसे-जैसे हवा और बिगड़ेगी, वाहन चलाने वालों के लिए और सख्त नियम लागू होंगे.
GRAP क्या है और क्यों जरूरी है?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया एक चार-स्तरीय आपात प्रबंधन ढांचा है. इसमें हवा की गुणवत्ता के हिसाब से अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग कदम उठाए जाते हैं. जैसे-जैसे AQI बढ़ता है, नियम और सख्त होते जाते हैं. इसका मकसद प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करना और लोगों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचाना है.
स्टेज 1: Poor हवा में पुरानी गाड़ियों पर रोक
जब दिल्ली का AQI 201 से 300 के बीच होता है, तब GRAP का पहला चरण लागू किया जाता है. इस स्तर पर 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियां और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियां सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होती. अगर कोई ऐसी गाड़ी चलाते हुए पकड़ी जाती है, तो वाहन मालिक पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और वाहन जब्त भी किया जा सकता है.
स्टेज 2: Very Poor हवा और निजी वाहनों पर सख्ती
जब AQI 301 से 400 के बीच पहुंच जाता है, तब GRAP का दूसरा चरण लागू होता है. इसमें निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ा दिया जाता है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की संख्या बढ़ाई जाती है. ट्रैफिक सिग्नलों का बेहतर समन्वय किया जाता है ताकि वाहनों की अनावश्यक रुकावट और ईंधन की बर्बादी कम हो सके. ये सभी कदम स्टेज 1 के प्रतिबंधों के साथ मिलकर लागू किए जाते हैं.
स्टेज 3: Severe स्तर पर BS3 और BS4 गाड़ियों पर बैन
जब हवा की गुणवत्ता 401 से 450 के बीच पहुंचती है, तब GRAP का तीसरा चरण लागू होता है. इस स्तर पर BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल गाड़ियों के चलने पर प्रतिबंध लग जाता है. यह नियम केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि एनसीआर के अन्य शहरों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में भी लागू होता है. इस दौरान सिर्फ इलेक्ट्रिक, CNG या BS6 डीजल वाहनों को ही चलाने की अनुमति होती है. इसी के साथ पुरानी गाड़ियों की पहचान और जब्ती की कार्रवाई और तेज हो जाती है.
स्टेज 4: Severe Plus में रुक जाते हैं भारी वाहन
अगर AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तो GRAP का चौथा और सबसे सख्त चरण लागू किया जाता है. इस स्तर पर निजी BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल गाड़ियों पर तो पहले से ही रोक रहती है, लेकिन अब मध्यम और भारी श्रेणी के डीजल वाहनों पर भी बैन लग जाता है. सिर्फ जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रक या इलेक्ट्रिक, CNG या LNG से चलने वाले वाहन ही सड़क पर उतर सकते हैं. गैर-जरूरी सामान ढोने वाले डीजल वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए जाते हैं.
किन वाहनों को चलाने की छूट मिलती है?
GRAP के सभी चरणों में BS6 मानक वाले निजी वाहन, इलेक्ट्रिक कारें और CNG वाहन चलाने की अनुमति बनी रहती है. इसके अलावा, वाहन मालिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र हो. अगर यह दस्तावेज नहीं है, तो भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.
दिल्ली की हवा हर साल दिवाली के बाद जहरीली हो जाती है, और इससे निपटने के लिए केवल सरकारी कदम काफी नहीं हैं. वाहन मालिकों को भी अपनी भूमिका समझनी होगी. पुराने वाहनों का इस्तेमाल बंद करना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाना और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना जरूरी है. तभी राजधानी फिर से सांस लेने लायक बन सकेगी.
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