Coronavirus Update: रिम्स से भागे 90% कोरोना संदिग्ध, मचा हड़कंप, कैदियों से मुलाकात बंद; जानें आज का हाल
रांची। Coronavirus Today News विदेश से लौटे हजारीबाग के विष्णुगढ़ के पांच युवकों में कोरोना की आशंका को लेकर पिछले पांच दिनों से उन्हें मेडिकल सर्विलांस में रखा गया है। विदेश से आए यात्रियों में से नागी के दो, चानो के एक, करगालो के एक एवं हेठली बोदरा के एक ग्रामीण युवक हैं। ये युवक मलेशिया, श्रीलंका, कतर, म्यांमार से काम कर लौटे हैं। इसकी जानकारी मिलते ही विष्णुगढ़ के स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी अपनी निगरानी में लेकर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। उन्हें 28 दिनों तक सतत निगरानी में रखा जाएगा।
90% कोरोना संदिग्ध रिम्स छोड़कर भागे
कोरोना वायरस के संदिग्धों को राज्य भर से जांच के लिए रिम्स भेजा जा रहा है। ऐसे संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होकर सैंपल देने के बाद अस्पताल प्रबंधन को बगैर सूचना दिए फरार हो जा रहे हैं। मेडिकल टर्म में इसे लामा (लिव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) कहा जाता है। वे सैंपल देने के बाद अपनी रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं कर रहे। रिम्स में अब तक 32 संदिग्ध का सैंपल लिया जा चुका है, जिनमें से 90 फीसद संदिग्ध लामा हो चुके हैं। ऐसे लामा होने वाले संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनसे संपर्क में आने वालों के लिए भी यह खतरे की घंटी होगी।
कोरोना के संदिग्धों के इस रवैये से रिम्स प्रबंधन काफी परेशान है। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह का कहना है कि अगर कोई भी संदिग्ध रिम्स में भर्ती हो रहा है तो उसे तब तक आइसोलेशन वार्ड में रहना है जब तक उसकी रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए। वहीं पॉजिटिव आने पर उसे क्वारंटाइन वार्ड में शिफ्ट कर उचित इलाज किया जाएगा। रिम्स निदेशक ने कहा कि अगर संदिग्ध रिम्स से बिना बताए भाग जा रहे है तो यह उनके संपर्क में आने वालों के लिए खतरे की घंटी है। अगर जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उन सभी को भी कोरोना वायरस होने का खतरा रहेगा जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर लामा हुए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनपर मुकदमा भी किया जाएगा। आगरा में ऐसा किया जा चुका है।
हैदराबाद से चार दिन पहले पैतृक गांव सदर प्रखंड के सतोर पहुंचे पिता-पुत्री को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। गांव के लोग उनके नजदीक जाने से डरते हैं। पिता और पुत्री को तेज खांसी और सर्दी के साथ कोरोना के लक्षण देखे गए हैं। ग्रामीण दोनों को कोरोना से पीडि़त संदिग्ध मरीज मान रहे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। दोनों लोग फिलहाल भूमिगत हो गए हैं। प्रशासन उन्हें ढूंढने में हलकान है। अंचल अधिकारी उनकी खोजबीन में जब सतोर पहुंचे तो पिता और पुत्री दोनों भूमिगत हो गए। स्थानीय मुखिया के साथ मिलकर पिता-पुत्री की काफी खोजबीन की गई, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
गुमला के बड़कादोहर गांव में केरल से लौटा युवक धनलाल के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कथित सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खासे परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रखंड प्रशासन के अधिकारी संदिग्ध धनलाल खेरवार की खोज में जुटे हैं। लेकिन उसका पता नहीं लग रहा। उसके पिता सुकटा खेरवार भी धनलाल की खोज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर पहुंचे। बिशुनपुर पुलिस भी उसकी खोज में जुटी हुई है। डॉ.एके ङ्क्षसह ने बताया कि धनलाल अस्पताल पहुंचा ही नहीं है, जब तक उसकी जांच नहीं हो जाती तब तक उसे संदिग्ध मानना उचित नहीं है।