MQ-9 रीपर ड्रोन जिसका निशाना बना ईरानी सैन्य कमांडर, जानें कितना खतरनाक है ये शिकारी
नई दिल्ली। अमेरिकी सेना द्वारा संचालित एक ड्रोन ने राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर शुक्रवार तड़के बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला कर ईरान के शीर्ष सुरक्षा और खुफिया कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया। इस हमले में सबसे अहम भूमिका निभाई अमेरिका के MQ-9 रीपर ड्रोन ने..आइए इस खतरनाक ड्रोन की घातक क्षमताओं पर एक नज़र डालते हैं।
एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, MQ-9 रीपर एक सशस्त्र, बहु-मिशन, मध्यम-ऊंचाई वाला लंबे समय तक उड़ान भरने की क्षमता वाला एक शक्तिशावली ड्रोन है। यह 1,150 मील की दूरी और 50,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है।यह मुख्य रूप से आक्रामक हमलों में अमेरिकी वायुसेना के लिए दूर से हमलों के लिए डिजाइन किया गया विमान है।
एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तथ्य के मुताबिक. ‘अपने महत्वपूर्ण समय को देखते हुए व्यापक रेंज के सेंसर, मल्टी-मोड संचार सूट और सटीक हथियारों के साथ उच्च प्रदर्शन, सहयोग करने और कम समय में संवेदनशील लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमला करना इस ड्रोन को एक अद्वितीय क्षमता प्रदान करता है।’
इसी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आगे बताया गया कि वायु सेना के अनुसार 4,900 पाउंड का ड्रोन निगरानी, खोज और बचाव मिशन में मदद करता है और अमेरिकी सेनाओं को अनियमित युद्ध संचालन करने की अनुमति देता है, जिसने दूसरे देशों में अमेरिका के सैन्य अभियानों को तेज करने में मदद की है।’
MQ-9 रीपर ड्रोन को 2007 में अमेरिकी वायुसेना में शामिल किया। इसके पंख 66 फीट लंबे हैं। यह करीब 230 मील प्रति घंटे की एक क्रूर गति से हमला कर सकता है।यह पायलट और सेंसर ऑपरेटर द्वारा दूर से संचालित किया जाता है और इसकी फैक्ट शीट के अनुसार प्रति यूनिट इस पर 64.2 मिलियन डॉलर का खर्च आता है, जिसमें चार विमान शामिल हैं।