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Washington DC Attack: व्हाइट हाउस के पास हुए हमले में एक नेशनल गार्ड की मौत, दूसरे की हालत नाजुक; डोनाल्ड ट्रंप


Washington DC Attack: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस से कुछ ही ब्लॉक दूर हुई गोलीबारी में घायल हुए दो नेशनल गार्ड सैनिकों में से एक की मौत की घोषणा की है. मृत सैनिक की पहचान वेस्ट वर्जीनिया की रहने वाली अमेरिकी सेना की स्पेशलिस्ट 20 वर्षीय सारा बेकस्ट्रॉम के रूप में हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने थैंक्सगिविंग डे पर अमेरिकी सैनिकों से फोन कॉल के दौरान यह भी कहा कि दूसरे घायल सैनिक एंड्रयू वोल्फ अपनी जान बचाने के लिए लड़ रहे हैं और उनकी हालत भी बहुत खराब बताई गई है. अधिकारियों के अनुसार यह गोलीबारी गुरुवार को व्हाइट हाउस से कुछ ही ब्लॉक दूर हुई और इसे एक सोची-समझी कार्रवाई माना जा रहा है.

ट्रम्प ने कहा- आज थैंक्सगिविंग की छुट्टी से ठीक पहले, वॉशिंगटन डीसी में सेवा दे रहे नेशनल गार्ड के दो सदस्यों पर व्हाइट हाउस से कुछ कदमों की दूरी पर बेहद नजदीक से गोलियां चलाई गईं. यह एक भयानक, घात लगाकर किया गया हमला था. उन्होंने कहा कि सारा बेकस्ट्रॉम बहुत सम्मानित, युवा, शानदार व्यक्तित्व वाली थीं. उन्होंने जून 2023 में सेवा शुरू की थी और हर दृष्टि से बेहतरीन थीं. उनकी अभी-अभी मृत्यु हो गई है. ट्रम्प ने कहा कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं. वह अभी ऊपर से हमें देख रही होंगी. 

दूसरा सैनिक जाने बचाने को कर रहा संघर्ष

ट्रम्प ने यह भी कहा कि दूसरा युवा सैनिक अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. उसकी हालत बहुत गंभीर है. वह अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है. उम्मीद है कि उसके बारे में हमें जल्द बेहतर खबर मिले. दूसरा घायल सैनिक बुधवार की गोलीबारी का पीड़ित 24 वर्षीय एंड्रयू वोल्फ है. उन्होंने कहा- यह जघन्य हमला बुराई, नफरत और आतंक की कार्रवाई था. यह हमारे पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध था, यह मानवता के खिलाफ अपराध था. आज रात सभी अमेरिकियों के दिल वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के उन दो सदस्यों और उनके परिवारों के साथ हैं. ट्रम्प ने कहा कि इस हमले के बाद देश दुख और दृढ़ संकल्प दोनों भावनाओं से भरा हुआ है. 

ट्रंप ने की बाइडेन प्रशासन की घोर आलोचना

इससे पहले ट्रम्प ने व्हाइट हाउस के पास दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुई गोलीबारी को भयावह हमला और आतंक की कार्रवाई बताया था. संघीय एजेंसियाँ थैंक्सगिविंग की पूर्व संध्या पर हुए इस हमले की जांच कर रही हैं. गोलीबारी वॉशिंगटन के केंद्र में की गई, जिसने ट्रंप प्रशासन को तुरंत कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया. पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की आव्रजन नीतियों की आलोचना की और दावा किया कि संदिग्ध 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका में प्रवेश कर आया था. ट्रम्प ने अफगानिस्तान को नरक जैसा देश भी कहा. अधिकारियों का मानना है कि रहमानुल्लाह लाकनवाल ने अकेले ही हमला किया. होमलैंड सिक्योरिटी से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए ट्रम्प ने फिर कहा कि संदिग्ध अफगान था. 

संदिग्ध का CIA से जुड़ाव

वहीं एफबीआई निदेशक काश पटेल ने गुरुवार को पुष्टि की कि जिस संदिग्ध ने दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर हमला किया, उसका अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों से संबंध था. FBI ने जांच के दायरे को बढ़ाते हुए कई ठिकानों पर तलाशी ली. अधिकारियों का कहना है कि 2021 में अमेरिका आने से पहले वह अफगानिस्तान में एक CIA समर्थित यूनिट का हिस्सा था. एफबीआई एजेंटों ने संदिग्ध के घर से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं. उसके परिजनों से पूछताछ भी की गई है. सीएनएन के अनुसार, पटेल ने बताया कि हमलावर रहमानुल्लाह लाकनवाल का अफगानिस्तान में पार्टनर फोर्सेज के साथ संबंध था. 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लाकनवाल सितंबर 2021 में ‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम’ कार्यक्रम के तहत अमेरिका आया था. यह कार्यक्रम उन अफगानों के लिए था जिन्होंने अमेरिकी सरकार की सहायता की थी.

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