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लाखों कमाएं या करोड़ों… भारत के इस एकमात्र राज्य में नहीं देना पड़ता टैक्स! जानिए क्यों


Sikkim Income Tax: भारत को व‍िव‍िधताओं का देश कहा जाता है. यहां कोस-कोस पर पानी बदले और चार कोस वाणी. ये बात भारत की संस्‍कृत‍ि और व‍ित्‍त‍ीय तौर तरीकों पर भी लागू होती है. हालांक‍ि देश के हर राज्‍य के ल‍िए टैक्‍स के न‍ियम एक हैं, लेक‍िन एक राज्‍य इसका अपवाद भी है. भारत का यह इकलौता ऐसा राज्‍य है, जहां लोग इनकम टैक्‍स नहीं देते. आपको इस बात पर हैरानी हो रही होगी, लेक‍िन ये बात सच है.

उस राज्‍य का नाम स‍िक्‍क‍िम है. ये खास नियम, दरअसल राज्य के इतिहास और उन हालातों की वजह से है, जिनके तहत यह भारत का हिस्सा बना था. टैक्स में छूट संविधान के आर्टिकल 371(F) और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 10(26AAA) के तहत मिलती है.

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भारत से स‍िक्‍क‍िम कब मिला?
सिक्किम 16 मई 1975 को भारत का 22वां राज्य बना. भारत में शामिल होने से पहले, सिक्किम एक आजाद राज्य था, जिस पर चोग्याल वंश का राज था. इसके अपने कानून थे, जिसमें सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल, 1948 नाम का अपना टैक्स सिस्टम भी शामिल था.

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जब सिक्किम का भारत में विलय हुआ, तो भारत सरकार ने सिक्किम के कई असली कानूनों को बदलने का वादा किया. इस समझौते की वजह से, सिक्किम को अपने खास टैक्स नियम बनाए रखने की इजाजत मिली और इसके निवासियों को इनकम टैक्स न देने का फायदा मिला.

क्‍या कहता है सेक्शन 10 (26AAA)?
सेक्शन 10 (26AAA) के मुताबिक, सिक्किम के किसी भी निवासी की इनकम पर टैक्स नहीं लगता है. यह नियम सभी तरह की इनकम पर लागू होता है, चाहे वह सिक्योरिटीज पर ब्याज से हो या डिविडेंड से. यानी स‍िक्‍किम न‍िवासी चाहे ज‍िस तरह भी कमाई कर रहे हों, उनके इनकम पर भारत सरकार को कोई टैक्‍स नहीं देना होगा.

चाहे वह सैलरी पा रहे हों या बिजनेस इनकम हो या किराए से कमाई हो रही हो या सिक्किम में किसी दूसरे काम या सोर्स से कमाया गया पैसा हो, टैक्‍स नहीं लगेगा. यहां तक क‍ि सिक्किम का कोई निवासी, अगर डिविडेंड या सिक्योरिटीज पर इंटरेस्ट से पैसा कमाता है और यह इनकम सिक्किम में होती है, तो उस पर भी इनकम टैक्स से पूरी छूट मिलती है.

छूट का लाभ क्‍या हर व्‍यक्‍त‍ि उठा सकता है?
नहीं. ये लाभ स‍िक्‍क‍िम में रहने वाले हर व्‍यक्‍ति‍ को नहीं म‍िलता. बल्‍क‍ि, यह स‍िर्फ उन पर‍िवारों या लोगों तक स‍िम‍ित है, जो सिक्किम के भारत का हिस्सा बनने से पहले वहां रह रहे हैं. सेक्शन 10 (26AAA) के अनुसार, जो कोई भी भारत में सिक्किम के मर्ज होने से पहले वहां बस गया था, उसे इनकम टैक्स देने से छूट मिलती है, भले ही उसका नाम सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन, 1961 में लिस्टेड न हो.

यानी वे लोग जिन्हें 26 अप्रैल 1975 से पहले सिक्किम के नागरिक के तौर पर पहचान मिल गई थी उन्‍हें इनकम टैक्‍स से छूट म‍िलती है. उनके वंशजों को भी इसका लाभ म‍िल रहा है. इसके अलावा जिन लोगों के पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफ‍िकेट है, उन्‍हें भी इसका फायदा होता है.