राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के जाने-माने डॉक्टर ए.के. बिसोई को उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. एम्स की आंतरिक शिकायत समिति ने कार्डियक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. ए.के. बिसोई के मामले की जांच रिपोर्ट संस्थान प्रबंधन को सौंप दी है. रिपोर्ट के अनुसार, महिला नर्सिंग स्टाफ द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों में उन्हें किसी तरह की दोषी नहीं पाया गया, यानी समिति ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. इस निष्कर्ष से डॉ. बिसोई को राहत जरूर मिली है, लेकिन अब तक एम्स प्रशासन ने उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस नहीं लेने का फैसला नहीं किया है. फिलहाल संस्थान की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया भी नहीं दी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि डॉ. बिसोई पर एक महिला नर्सिंग कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार तथा आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. नर्सिंग यूनियन ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी. इसके बाद 11 अक्टूबर को एम्स प्रशासन ने आदेश जारी कर उन्हें विभागाध्यक्ष के पद से हटा दिया था. इस कार्रवाई के बाद फैकल्टी एसोसिएशन और नर्सिंग यूनियन आमने-सामने आ गए थे. फैकल्टी एसोसिएशन का आरोप था कि जांच पूरी होने से पहले ही डॉ. बिसोई के खिलाफ निर्णय ले लिया गया और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर भी नहीं दिया गया.
यह पूरा मामला एम्स की यौन उत्पीड़न से संबंधित आंतरिक समिति को जांच के लिए सौंपा गया था. सभी पक्षों को सुनने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट में डॉ. बिसोई को आरोपों से मुक्त बताया है. यह रिपोर्ट एम्स निदेशक को सौंप दी गई है और अब आगे की कार्रवाई का इंतजार है.