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Delhi Blast: दिल्ली कार ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ा इलेक्ट्रिशियन, ‘जैश’ से संबंध होने की आशंका


Delhi Car Blast: दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को एक और बड़ी सफलता मिली है. जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप ने पुलवामा में इंडस्ट्रियल एरिया से तुफैल अहमद नाम के शख्स को को हिरासत में लिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया तुफैल श्रीनगर का रहने वाला है और पुलवामा में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब जांच एजेंसियां तुफैल की भूमिका की जांच कर रही हैं. इस मामले में अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि उसने दिल्ली ब्लास्ट में किस तरह से शामिल था, लेकिन जांच में उसके आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े होने के मजबूत सबूत मिले हैं.

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यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक और मुख्य आरोपी डॉ. मुजफ्फर अहमद रठौर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. मुजफ्फर के अगस्त में देश छोड़ने की संभावना जताई जा रही है, साथ ही माना जा रहा है कि वो अफगानिस्तान में छिपा हुआ है. मुजफ्फर अहमद जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स और देशभर में एक्टिव ‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकवादी नेटवर्क के बीच महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है. कश्मीर पुलिस ने उसके प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग भी की है.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी इस मामले में चार और आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनमें डॉ मुजम्मिल शकील गणाई, डॉ आदिल अहमद रठौर, डॉ शहीन शाहिद और मुफ्ती इरफान अहमद वगै शामिल है. ये सभी पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में थे और अब स्पेशल जांच एजेंसी के पास रिमांड पर रखे गए हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का एक मॉड्यूल अस्पतालों को हथियारों के छुपाने के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहा था, ठीक उसी तरह जैसे फिलिस्तीनी संगठनों ने गाजा में अस्पतालों में हथियार छुपाए हैं. इस संदिग्ध योजना की जांच डॉ आदिल रठौर के पूछताछ दौरान सामने आई. जांच में पता चला कि हॉस्पिटल्स को ‘टॉक्सिक वेपन्स’ छिपाने के लिए चुना जा रहा था.