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दिल्ली विस्फोट मामले में NIA की ताबड़तोड़ कार्रवाई, तीन डॉक्टर समेत 4 गिरफ्तार, कोर्ट ने 10 दिन की कस्टडी में भेजा


Delhi Blast: दिल्ली विस्फोट मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने चारों आरोपियों को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज, पटियाला हाउस कोर्ट के प्रोडक्शन ऑर्डर पर हिरासत में लिया. इन आरोपियों की पहचान पुलवामा (J&K) के डॉ मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग (J&K) के डॉ अदील अहमद राथर, लखनऊ (UP) के डॉ शाहीन सईद और शोपियां (J&K) के मुफ्ती इरफान अहमद वागे के रूप में हुई है. इन सभी ने उस आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें कई बेगुनाह लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे.

चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 दिनों की कस्टडी में भेजा

NIA ने गिरफ्तार किए गए पुलवामा (J&K) के डॉ मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग (J&K) के डॉ अदील अहमद राथर, लखनऊ (UP) के डॉ शाहीन सईद और शोपियां (J&K) के मुफ्ती इरफान अहमद वागे को पटियाला हाउस कोर्ट में एक स्पेशल NIA कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिनों की NIA कस्टडी में भेज दिया.

सभी 4 आरोपियों ने आतंकवादी हमले में निभाई थी बड़ी भूमिका

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन सभी ने आतंकवादी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे.’’ उनकी हिरासत एनआईए को सौंपे जाने के साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोपित लोगों की संख्या छह हो गई है. एनआईए ने 11 नवंबर को आधिकारिक तौर पर इस मामले को अपने हाथों में लिया था. एनआईए पहले ही दो लोगों आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार कर चुकी है.

अल फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी जांच के दायरे में

दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. सुरक्षा एजेंसियां ​​अल फलाह विश्वविद्यालय में लगातार जांच कर रही हैं, जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है. विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी बुधवार को अपने सामान को गाड़ियों में भरकर गेट से बाहर निकलते देखे गए. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, वे छुट्टी लेकर अपने घर लौट रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां विस्फोट के बाद विश्वविद्यालय छोड़ने वाले लोगों की संख्या का पता लगा रही हैं और उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें संदेह है कि इनमें से कई लोग आतंकवादियों से जुड़े थे.