जापान की नई प्रधानमंत्री का बड़ा फैसला, खुद की सैलरी काटने का आदेश, पूरी कैबिनेट की कमाई पर भी चलेगी ‘कैंची’
Japan PM Sanae Takaichi: जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने पद संभालते ही एक ऐसा कदम उठाया है, जो दुनिया के बाकी नेताओं के लिए उदाहरण बन सकता है. ताकाइची अपनी ही सैलरी और कैबिनेट मंत्रियों की सैलरी काटने का प्रस्ताव संसद में पेश करने जा रही हैं. जापान टाइम्स के अनुसार यह प्रस्ताव संसद के मौजूदा विशेष सत्र में चर्चा के लिए लगाया जाएगा. इस बिल के तहत प्रधानमंत्री और मंत्रियों को मिलने वाले अतिरिक्त भत्ते को रोकने की तैयारी है.
Japan PM Sanae Takaichi: क्या बदलाव होने जा रहा है?
ताकाइची सरकार Public Servant Remuneration Law में संशोधन करेगी. वर्तमान नियमों के तहत प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों को सांसद की सैलरी के अलावा अतिरिक्त भत्ता मिलता है. प्रस्तावित संशोधन के बाद ये भत्ता अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा. ताकाइची ने साफ कहा है कि वह ऐसा कानून चाहती हैं जिससे कैबिनेट सदस्यों को सांसदों से अधिक सैलरी न मिले.
पहली महिला प्रधानमंत्री और पहला बड़ा सुधार
साने ताकाइची ने हाल ही में इतिहास रचा और जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि उनका उद्देश्य प्रशासनिक सुधार करना है और सरकार के खर्च को कंट्रोल में रखना है. ताकाइची लंबे समय से मानती रही हैं कि नेताओं को जनता के पैसों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए.
PM और मंत्रियों की सैलरी कितनी है?
जापान टाइम्स के अनुसार, जापान में सांसदों को प्रति माह 1.294 मिलियन येन (₹7,41,837) मिलते हैं. प्रधानमंत्री को इसके ऊपर 1.152 मिलियन येन (₹6,60,429) का अतिरिक्त भत्ता मिलता है. कैबिनेट मंत्रियों को 4.89 मिलियन येन (₹28,03,387) का अतिरिक्त भत्ता मिलता है. अब इसी अतिरिक्त भत्ते को बंद करने की योजना है.
फिलहाल व्यवस्था यह है कि प्रधानमंत्री अपनी अतिरिक्त सैलरी का 30% वापस करते हैं, और मंत्री 20% वापस करते हैं. लेकिन इस “वापसी वाली व्यवस्था” को खत्म करके इसे कानूनी रूप से स्थायी करने की तैयारी है, ताकि भत्ता सीधे बंद हो जाए और बाद में इसे मनमाने तरीके से बदला न जा सके.
गठबंधन पार्टी का समर्थन लेकिन विरोध की आवाज भी उठने लगी
इस प्रस्ताव को समर्थन मिला है नई गठबंधन पार्टी जापान इनोवेशन पार्टी (JIP) से. JIP नेता फुमिताके फुजीता ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की ओर से बेहतरीन पहल है. JIP पहले से ही सांसदों के विशेषाधिकार और सुविधाएँ कम करने की मांग करता रहा है. हालांकि प्रस्ताव को समर्थन मिल रहा है, लेकिन आलोचना भी हो रही है.
डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल के नेता युइचिरो तामाकी का कहना है कि यह कदम “डिफ्लेशन वाली सोच” को बढ़ावा देगा. उनके अनुसार, जब सरकार जनता की आमदनी बढ़ाने पर काम कर रही है, तब नेताओं की सैलरी कम करना उल्टा संदेश देता है. एक मौजूदा कैबिनेट सदस्य ने भी जापान टाइम्स से कहा कि उन्हें मिश्रित भावना है और यह निर्णय राजनीतिक और आर्थिक दोनों तरह की बहस पैदा कर रहा है.