Defense:देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए भारतीय नौसेना लगातार काम कर रही है. समय के साथ नौसेना ने खुद को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए है. हाल के वर्षों में नौसेना की क्षमता में काफी इजाफा हुआ है. जंगी जहाज के बेड़े, पनडुब्बी के साथ अटैक हेलीकॉप्टर शामिल किया गया है.
भारतीय नौसेना 4 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के शंकुमुघम समुद्र तट पर एक शानदार परिचालन प्रदर्शन के साथ नौसेना दिवस मनाने की तैयारी कर रही है. नौसेना के प्रमुख स्टेशनों के अलावा किसी अन्य स्थान पर कार्यक्रम आयोजित करने की परंपरा रही है. इससे पहले ओडिशा के पुरी और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है.
कार्यक्रम आयोजित करने का मकसद देश के आम लोगों को नौसेना के बहु डोमेन संचालन के विभिन्न पहलुओं को देखने का एक अनूठा अवसर मुहैया कराना है. ऑपरेशन प्रदर्शन भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक ऑपरेशनल प्लेटफॉर्म और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के व्यापक विजन द्वारा निर्देशित हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा रक्षा भागीदार के तौर पर प्रदर्शित करेगा. यह कार्यक्रम नौसेना की दुर्जेय लड़ाकू क्षमताओं, तकनीकी उत्कृष्टता और परिचालन तत्परता को प्रदर्शित करने के साथ ही देश की बढ़ती समुद्री ताकत और आत्मनिर्भरता को दिखाने का काम करेगा.
आत्मनिर्भर भारत की दिखेगी झलक
इस ऑपरेशन प्रदर्शन में अग्रिम पंक्ति के प्लेटफार्मों द्वारा समन्वित युद्धाभ्यास किया जाएगा. इस दौरान नौसेना की समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता को प्रदर्शित करने का काम होगा. यह कार्यक्रम सतह, उप-सतही और हवाई संपत्तियों के निर्बाध सहयोग को उजागर करेगा, जो भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए नौसेना की तैयारी को दर्शाता है.
रक्षा निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करने वाली कई स्वदेशी निर्मित संपत्तियां प्रदर्शित की जाएगी. यह मंच ‘मेक इन इंडिया’ के तहत नौसेना को आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और भविष्य के लिए तैयार समुद्री बल के तौर पर पेश करने का काम करेगा.
पेशेवर कामकाज, अनुशासन और साहस को श्रद्धांजलि
यह समारोह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित नौसेना की तैयारियों और निवारक क्षमता को भी उजागर करेगा, जो सटीकता, गति और प्रभुत्व के साथ हमला करने की उसकी क्षमता को प्रदर्शित करेगा. यह प्रदर्शन भारतीय नौसेना के सैनिकों के पेशेवर कामकाज, अनुशासन और साहस को श्रद्धांजलि है जो देश की संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करते है.
समुद्री उत्कृष्टता का उत्सव होगा नौसेना दिवस
नौसेना दिवस 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है, जिसने दुश्मन की नौसेना और तटीय सुरक्षा को करारा झटका दिया था. ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत नौसेना की मिसाइल नौका ने कराची बंदरगाह पर एक साहसिक हमला किया. इस निर्णायक कार्रवाई से भारत की समुद्री शक्ति, सटीकता, साहस और रणनीतिक कौशल का परिचय दुनिया को हुआ.
वर्ष 2025 का कार्यक्रम एक विकसित और समृद्ध भारत के लिए समुद्र की सुरक्षा करने वाले एक युद्ध-तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर बल के रूप में भारतीय नौसेना की समुद्री उत्कृष्टता का उत्सव होगा.