EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

अफगानिस्तान के आगे झुका पाकिस्तान! शांति वार्ता फेल, खाली हाथ लौटी इस्लामाबाद की टीम


Pakistan Suspends Ceasefire Talks With Afghanistan: अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अक्सर कहा जाता है कि बातचीत ही युद्ध रोकती है. लेकिन जब बातचीत ही ठप हो जाए, तो फिर क्या बचेगा? पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जो “शांति और युद्धविराम” की बातचीत चल रही थी, वह अब पटरी से उतर चुकी है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद जियो न्यूज से बातचीत में यह घोषणा की. पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच तीसरे दौर की वार्ता तुर्की के इस्तांबुल में हो रही थी. इससे पहले दोनों पक्षों के बीच पांच दिनों की बातचीत हुई थी, जिसमे एक अस्थायी समझौता हुआ था.

लेकिन इस बार हालात अलग थे जैसे कि सीमा पर तनाव बढ़ा, गोलीबारी हुई, सैनिक मारे गए, और माहौल गरमा गया. ख्वाजा आसिफ ने साफ कहा है कि बातचीत पूरी तरह बंद है. चौथे दौर की कोई योजना नहीं है. उन्होंने बताया कि वार्ता डेडलॉक में चली गई है और फिलहाल अनिश्चितकाल तक रोक दी गई है.

Pakistan Suspends Ceasefire Talks With Afghanistan: लिखित समझौता बनाम मौखिक आश्वासन

इस विवाद की असली वजह यही थी. पाकिस्तान चाहता था कि बातचीत का नतीजा लिखित समझौते की रूप में हो. लेकिन अफगानिस्तान सिर्फ मौखिक वादा देना चाहता था. ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वार्ता में मौखिक भरोसे पर बात नहीं होती. लिखित समझौता ही मान्य होता है.

आसिफ ने तुर्की और कतर को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने ईमानदारी से कोशिश की. वे हमारी बात समझते हैं. उन्होंने कहा कि अफगान प्रतिनिधि भी पाकिस्तान की बात से सहमत थे, लेकिन दस्तखत करने को तैयार नहीं थे. पाकिस्तान ने अपनी एक ही शर्त दोहराई है जो कि है अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए नहीं होना चाहिए और पाकिस्तान का दावा है कि TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) जैसे आतंकी समूह अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकानों से हमले करते हैं.

ख्वाजा आसिफ की चेतावनी

इंटरव्यू में आसिफ का लहजा और सख्त हो गया. अगर अफगानिस्तान की तरफ से हमला हुआ तो पाकिस्तान जवाब देगा. लेकिन अगर हमला नहीं हुआ, तो युद्धविराम जारी रहेगा. यानी पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि दगा दोगे तो जवाब मिलेगा. देश के सूचना मंत्री अत्ता उल्लाह तारड़ ने X (ट्विटर) पर लिखा कि हम अफगान जनता के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हम तालिबान सरकार की ऐसी किसी नीति का समर्थन नहीं करेंगे जो पड़ोसी देशों या अफगान नागरिकों के हितों के खिलाफ हो. उन्होंने यह भी कहा कि अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए पाकिस्तान हर विकल्प खुला रखता है.

पिछले समझौते में क्या तय हुआ था?

पिछले दौर की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों देश युद्धविराम बनाए रखेंगे, सीमा पर निगरानी के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम बनेगा और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई होगी. लेकिन वह समझौता अब ठप पड़ गया है.

ये भी पढ़ें:

माली में बड़ा खतरा! बंदूकधारियों ने पांच भारतीयों का किया अगवा, अल-कायदा-ISIS पर शक

अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन का किया बहिष्कार, ट्रंप बोले- श्वेत किसानों के खिलाफ हो रहा अन्याय