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ईरान ने रची इजरायली एंबेसडर को मारने की साजिश, अमेरिकी खुफिया एजेंसी का खुलासा


Iran accused of plotting Israel ambassador killing: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष कम होने का नाम ही नहीं ले रहे. एक ओर इजरायल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना बनाने के लिए सालों से लगा हुआ है, वहीं ईरान इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह और हमास जैसे संगठनों को बढ़ावा दे रहा है. अब इन दोनों देशों के मामले में एक और खुलासा हुआ है. अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के अनुसार  ईरान द्वारा मैक्सिको में इजरायल की राजदूत एइनात क्रांज नेइगर की हत्या की साजिश रची गई थी. हालांकि इसे मैक्सिकन अधिकारियों ने अमेरिका और इजरायली खुफिया एजेंसियों की मदद से नाकाम कर दिया. हालांकि, मैक्सिको के अधिकारियों ने ऐसी किसी साजिश की जानकारी से इनकार किया है.

अधिकारियों ने बताया कि राजदूत की हत्या की योजना पिछले साल के अंत में बनाई गई थी और यह इस साल के मध्य तक सक्रिय रही, जब इसे विफल कर दिया गया. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह साजिश अब नियंत्रण में है और फिलहाल कोई तत्काल खतरा नहीं है. इस घटना में  ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का नाम बताया जा रहा है, जिसे ईरान के वेनेजुएला में स्थित दूतावास से शह मिली थी.

मैक्सिको, ईरान और इजरायल की नकारने वाली प्रतिक्रिया

मैक्सिको के विदेश संबंध और सुरक्षा मंत्रालयों ने शुक्रवार देर रात एक संयुक्त बयान में कहा, “इजरायल की राजदूत के खिलाफ किसी कथित हमले के प्रयास के संबंध में हमारे पास कोई रिपोर्ट नहीं है.” वहीं, मैक्सिको में ईरान के दूतावास ने इस कथित साजिश को “एक बड़ा झूठ” बताया. “इस झूठ का उद्देश्य मैक्सिको और ईरान के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाना है, जिसे हम पूरी तरह से खारिज करते है.” दूतावास ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा. दूतावास ने ईरानी भाषा में जारी बयान में कहा, “मैक्सिको में इजरायली शासन के राजदूत की हत्या के कथित प्रयास को लेकर लगाए गए आरोप एक मीडिया की मनगढ़ंत कहानी हैं. एक बड़ा झूठ, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के दोस्ताना और ऐतिहासिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना है, जिसे हम सख्ती से खारिज करते हैं.” वहीं मैक्सिको में इजरायल दूतावास के एक प्रवक्ता ने मैक्सिकन अधिकारियों के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

इजरायली विदेश मंत्रालय ने जताया धन्यवाद

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. वहीं इजरायल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम मैक्सिको की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने ईरान द्वारा संचालित एक आतंकवादी नेटवर्क को विफल किया, जो मैक्सिको में इजरायल की राजदूत पर हमला करना चाहता था. इजरायली सुरक्षा और खुफिया समुदाय ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा इजरायली और यहूदी लक्ष्यों पर दुनिया भर में होने वाले आतंकवादी खतरों को रोकने के लिए पूरी मेहनत से काम करता रहेगा.”

अमेरिका के अनुसार- कैसे और कहां रची गई साजिश

एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) की विशेष इकाई कुद्स फोर्स ने 2024 के अंत में इस साजिश की योजना शुरू की थी, जिसे इस वर्ष नाकाम कर दिया गया. साजिश में कथित तौर पर वेनेजुएला स्थित ईरानी दूतावास से एजेंटों की भर्ती शामिल थी. अधिकारी के अनुसार वेनेजुएला के वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का तेहरान के साथ रणनीतिक गठबंधन है. अधिकारी ने कहा कि यह ईरान की कूटनीतिज्ञों, पत्रकारों, असहमति रखने वालों और विरोधियों को निशाना बनाने की वैश्विक घातक कार्रवाई की लंबी श्रृंखला की एक और कड़ी है. वेनेजुएला में ईरान की मौजूदगी है. उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि साजिश कैसे पकड़ी गई या उसे कैसे रोका गया.

अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों के अनुसार, आईआरजीसी के एक अधिकारी हसन इजादी, जो मसूद रहनेमा नाम से भी जाने जाते हैं. उन्होंने अन्य ईरानी अधिकारियों के साथ मिलकर इस साजिश की शुरुआत की थी. उस समय वे वेनेज़ुएला में ईरान के राजदूत के सहयोगी के रूप में कार्यरत थे. संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से ईरान पर यह आरोप लगाता रहा है कि वह वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों तथा इजरायली नागरिकों की हत्या की साजिशें रचता है. यहां तक कि अमेरिकी भूमि पर भी.

ईरान और इजरायल के बीच जारी है संघर्ष

यह कथित साजिश 1 अप्रैल 2024 को दमिश्क में इजरायल द्वारा ईरानी दूतावास परिसर पर किए गए हमले के बाद सामने आई. उस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कई शीर्ष अधिकारी मारे गए थे, जिसके बाद तेहरान ने बदला लेने की कसम खाई और इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. एक साल बाद, इजरायल ने ईरान पर एक और बड़े पैमाने पर बमबारी अभियान चलाया, जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए. अमेरिका ने भी इसमें भाग लिया और ईरान के विवादित परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया.

इजरायल पहले भी बन चुका है निशाना

1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्ता में आई मौलवी सरकार की इसराइल विरोधी नीतियों पर चल रहा है. लैटिन अमेरिका मध्य पूर्व से जुड़ी हिंसा से जुड़ा हुआ है. 1994 में ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) में एक यहूदी केंद्र पर बम विस्फोट में 85 लोग मारे गए थे और अर्जेंटीना व इजरायल दोनों ने कहा था कि यह हमला लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने ईरान के आदेश पर किया था.

अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने भी दी थी चेतावनी

ब्रिटेन और स्वीडन की सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि ईरान ने आपराधिक गिरोहों का इस्तेमाल कर ऐसे हमले करवाने की कोशिश की है. ब्रिटेन सरकार का कहना था कि उसने 2022 से अब तक ईरान से जुड़े 20 षड्यंत्रों को नाकाम किया है. कई अन्य देशों ने भी हाल ही में ईरानी खुफिया नेटवर्क से जुड़ी हत्या और अपहरण की बढ़ती घटनाओं की निंदा की है.

ब्रिटेन की घरेलू खुफिया एजेंसी MI5 के महानिदेशक केन मैककल्लम ने पिछले महीने कहा था कि ईरान अपने आलोचकों को दुनिया भर में बेचैनी से चुप कराने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स के उदाहरण दिए, जहां अधिकारियों ने ईरान की भागीदारी वाले यहूदी-विरोधी षड्यंत्रों और एक असफल हत्या के प्रयास का खुलासा किया था. बीते समय में ऑस्ट्रेलिया ने ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया. उसने कहा कि ईरान मेलबर्न के एक यहूदी उपासना स्थल (सिनेगॉग) और सिडनी के एक कोषेर रेस्तरां में आगजनी की दो घटनाओं में शामिल था.

पिछले कुछ समय में और तेज हुआ ईरान-इजरायल तनाव

ईरान लंबे समय से इजरायल को निशाना बनाता रहा है, खासकर तब से जब इस साल जून में इजरायल और अमेरिका के हवाई हमलों में ईरान के परमाणु ठिकाने क्षतिग्रस्त हुए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया. ईरान की मौलवी शासित सरकार गाजा के सशस्त्र फिलिस्तीनी संगठन हमास की प्रमुख समर्थक रही है, जिसने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर भीषण हमला किया था. इजरायल ने इसके जवाब में गाजा में लगातार सैन्य अभियान चलाया, जिसने गाजा के अधिकांश हिस्से को मलबे में बदल दिया और इजरायली कार्रवाई ईरान, सीरिया, लेबनान, कतर और यमन तक फैल गई.

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