Why Diesel Cars Give Better Mileage Than Petrol Cars: भारत का ऑटोमोबाइल बाजार हमेशा से जबरदस्त प्रतिस्पर्धा वाला रहा है. ग्राहक की पसंद, सरकारी नीतियों में बदलाव और लगातार तकनीकी विकास ने इसे बेहद गतिशील बना दिया है. आज जब इलेक्ट्रिक और पेट्रोल इंजन की खूब चर्चा हो रही है, तब भी डीजल इंजन अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं. जो लोग ज्यादा किलोमीटर चलाते हैं या माइलेज को लेकर बेहद सचेत रहते हैं, उनके लिए डीजल इंजन अब भी पहली पसंद है.
डीजल इंजन की असली ताकत
डीजल इंजन की सबसे बड़ी खासियत इसकी फ्यूल एफिशिएंसी यानी माइलेज है. यह केवल पेट्रोल से सस्ता होने की वजह से नहीं, बल्कि इसकी इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर और केमिकल क्वालिटीस की वजह से बेहतर साबित होता है. तकनीकी रूप से डीजल इंजन को ज्यादा एनर्जी पैदा करने के लिए कम फ्यूल की आवश्यकता होती है. यही वजह है कि लंबी दूरी तय करने वालों के लिए यह अब भी सबसे किफायती विकल्प है.
केमिकल एडवांटेज
डीजल और पेट्रोल का असली फर्क उनके कैमिकल ब्लॉक्स में छिपा है. डीजल एक भारी और लंबे हाइड्रोकार्बन चेन वाला ईंधन होता है, जिसमें पेट्रोल की तुलना में लगभग 10 से 15% अधिक ऊर्जा होती है. इसका मतलब यह है कि हर एक लीटर डीजल में ज्यादा पावर छिपी होती है. यही कारण है कि डीजल इंजन को समान प्रदर्शन के लिए कम ईंधन की जरूरत पड़ती है. यह ऊर्जा घनत्व ही डीजल इंजन की माइलेज क्षमता का आधार है.
ज्यादा कम्प्रेशन, ज्यादा माइलेज
डीजल इंजन का डिजाइन भी इसकी दक्षता को बढ़ाता है. पेट्रोल इंजन में ईंधन को जलाने के लिए स्पार्क प्लग की जरूरत होती है, जबकि डीजल इंजन में ईंधन खुद-ब-खुद कम्प्रेशन से जलता है. इसका कम्प्रेशन रेशियो 14:1 से 25:1 तक होता है, जबकि पेट्रोल इंजन का केवल 9:1 से 12:1. यह ज्यादा कम्प्रेशन थर्मल एफिशिएंसी को बढ़ाता है- यानी कम ईंधन में ज्यादा काम. यही वजह है कि डीजल इंजन अधिक माइलेज देता है और लंबी ड्राइव में ज्यादा भरोसेमंद होता है.
लीन-बर्न सिस्टम
डीजल इंजन का एक और फायदा है इसका लीन-बर्न सिस्टम. यह इंजन ज्यादा हवा और कम फ्यूल के मिक्स पर चलता है. वहीं पेट्रोल इंजन पावर कंट्रोल के लिए हवा का प्रवाह सीमित करता है, जिससे पंपिंग लॉस होता है और ईंधन की खपत बढ़ जाती है. डीजल इंजन में यह समस्या नहीं होती, इसलिए यह रोजमर्रा की ड्राइविंग में भी अधिक फ्यूल-एफिशिएंट रहता है.
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ज्यादा टॉर्क, कम मेहनत
डीजल इंजन का टॉर्क पेट्रोल इंजन की तुलना में काफी ज्यादा होता है. इसका मतलब यह है कि कम आरपीएम पर भी ज्यादा ताकत मिलती है. ड्राइवर को बार-बार गियर बदलने या एक्सीलेरेटर दबाने की जरूरत नहीं पड़ती. इंजन अपनी सबसे बेहतर दक्षता वाले रेंज में चलता है, जिससे माइलेज और भी बढ़ जाता है.
भले ही अब बाजार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों की तरफ बढ़ रहा हो, लेकिन डीजल इंजन अब भी अपनी जगह बनाए हुए है. इसका कारण है इसकी लंबी रेंज, उच्च टॉर्क और बेहतरीन ईंधन दक्षता. आज के आधुनिक डीजल इंजन पहले से ज्यादा स्वच्छ, स्मार्ट और किफायती हो चुके हैं. यही वजह है कि जो लोग ज्यादा सफर करते हैं, उनके लिए डीजल कार अब भी सबसे भरोसेमंद साथी है.