SIR in Bengal : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है. निर्वाचन आयोग मंगलवार से एसआईआर प्रक्रिया शुरू कर रहा है. 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रक्रिया राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है, क्योंकि सभी दल मतदाता सूची में अपने समर्थन को मजबूत करने में जुटे हैं. इस बीच, टीएमसी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर अपनी बूथ स्तरीय टीम को एक्टिव कर दिया है ताकि कोई भी “वास्तविक मतदाता” सूची से न हटे. 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर जांच करेंगे.
কালকের মিছিলের আগে আমাদের বক্তব্যের প্রতিফলন হিসেবে দয়া করে আমার লেখা ও সুর করা এই গান শুনুন। গেয়েছেন ইন্দ্রনীল সেন। pic.twitter.com/2esupdv5JE
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 3, 2025
कोलकाता में रैली निकालेंगी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को कोलकाता में रैली निकालेंगी, जबकि अभिषेक बनर्जी ने सभी 84,000 बूथों पर बूथ लेवल एजेंट (BLA) तैनात करने और BLO की हर गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं ताकि मनमानी तरीके से नाम न हटाए जाएं. रैली के पहले सीएम बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा–कृपया इस गीत को सुनें, जिसे मैंने लिखा और संगीतबद्ध किया है. यह मंगलवार की रैली से पहले हमारे बयान का प्रतिबिंब है. इस गीत को इंद्रनील सेन ने गाया है.
बीजेपी और टीएमसी आमने–सामने
बीजेपी ने मतदाता सूचियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का स्वागत किया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इसके समय और मंशा पर सवाल उठाया है. टीएमसी का आरोप है कि निर्वाचन आयोग बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है और 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर की कोशिश हो रही है. दोनों दल इस प्रक्रिया को आगामी चुनाव की भूमिका मान रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक इसे प्रशासनिक और संगठनात्मक ताकतों के बीच की सीधी टक्कर के रूप में देख रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने क्या आरोप लगाया
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे. यह प्रक्रिया पहले ही विवादों में घिर चुकी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को कोलकाता में रैली निकालेंगी. उनकी पार्टी का आरोप है कि यह संशोधन राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों व हाशिए पर पड़े वर्गों को मताधिकार से वंचित करना है.
बीजेपी ने क्या आरोप लगाया
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दल ने मतदाता सूची में गड़बड़ी की है. पार्टी का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में 40 लाख से ज्यादा डुप्लिकेट या फर्जी नाम थे. बीजेपी का मानना है कि विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया से ऐसे कम से कम एक करोड़ फर्जी नाम हट जाएंगे, जिससे मतदान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी.
अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित होगी
एसआईआर प्रक्रिया के तहत गणना पूरी होने के बाद 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी की जाएगी. इसके बाद 8 जनवरी तक लोग आपत्तियां या सुधार दर्ज करा सकेंगे. सभी दावे-आपत्तियों की जांच के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी, जो 2026 के अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से करीब दो महीने पहले तैयार हो जाएगी.