क्यों जिससे हम करते हैं सबसे ज्यादा प्यार वही बन जाता है सबसे बड़ा धोखेबाज? जानें चाणक्य का अनोखा जवाब
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. मानवजाति को सही रास्ता दिखाने के लिए इन्होने कई विषयों पर खुलकर बात की है जो आज के समय में भी हमारे उतने ही काम आते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में रिश्तों को लेकर भी कई गहरी बातें थी. इसमें से एक मुद्दा यह भी था कि आखिर वही इंसान आपको सबसे बड़ा धोखा क्यों देता है जिससे आप सबसे ज्यादा प्यार करते हैं. जब आप इस आर्टिकल को पढ़ेंगे और गहराई से समझेंगे तो आपको इसके पीछे के छिपे हुए कारण समझ में आ जाएंगे. तो चलिए जानते हैं इस सवाल का आसान और साधारण शब्दों में जवाब.
प्यार में अंधविश्वास सबसे बड़ा कारण
आचार्य चाणक्य बताते हैं जब भी हम किसी इंसान से प्यार करते हैं तो हमारी नजर में वह सबसे ज्यादा परफेक्ट बन जाता है. प्यार में होने की वजह से हम उसकी छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी गलती को नजरअंदाज करते चले जाते हैं. आचार्य चाणक्य बताते हैं कि हमें किसी पर भी हद से ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए. जब आप किसी पर हद से ज्यादा भरोसा करते हैं तो वह इंसान ही इसका सबसे गलत फायदा उठा लेता है और हमें धोखा दे देता है.
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इमोशंस में बहकर हम खो देते हैं विवेक
चाणक्य नीति के अनुसार जो भी इंसान अपने इमोशंस पर कंट्रोल नहीं रख पाता वह जीवन में हर कदम पर धोखे का शिकार होता है. जब हम किसी से प्यार करते हैं तो ऐसे में सामने वाले की बातों को बिना सोचे-समझें या फिर सवाल किये मान लेते हैं. जब ऐसा होता है तो हमारे सोचने-समझने की ताकत कम हो जाती है. चाणक्य कहते हैं जब आप फैसले इमोशंस में बहकर लेते हैं तो आपको धोखा मिलना तय होता है.
हर इंसान के अंदर छिपा है स्वार्थ
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि हर एक इंसान जो है वह अपने स्वार्थ से बंधा हुआ है. जब तक किसी को आपसे फायदा होता है, वो आपके साथ रहता है, और जैसे ही उसका स्वार्थ पूरा हो जाता है, वो दूरी बना लेता है. आचार्य चाणक्य बताते हैं यही इंसान का मानव स्वभाव होता है. इसलिए किसी भी रिश्ते में इतना मत उलझो कि जब सामने वाला मुंह मोड़े, तो तुम्हारा मन टूट जाए.
धोखा वहां मिलता है जहां उम्मीद सबसे ज्यादा
आचार्य चाणक्य बताते हैं आपको सामने वाले से जितनी उम्मीद होती है धोखा उतना ही बड़ा लगता है. जब हम किसी भी इंसान को अपने दिल से प्यार करते हैं या फिर मानते हैं तो हम उससे बिना कुछ कहे बातों को या फिर चीजों की समझने की उम्मीद करने लगते हैं. लेकिन जब वे हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते, तो हमें दर्द होता है. चाणक्य कहते हैं कि रिश्ते तभी टिकते हैं जब उनमें उम्मीदों से ज्यादा समझदारी होती है. यह एक मुख्य कारण है कि आपको किसी से भी अपनी उम्मीदों को लिमिट में रखना चाहिए और साथ ही बैलेंस भी बनाये रखना चाहिए.
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