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महिलाओं के हाथ बांधकर इंग्लैंड में दी जाती थी बलि! एक ही जगह पर मिला 2000 साल पुराना तीसरा कंकाल


Ancient Britain Human Sacrifice: दुनिया की अलग-अलग पुरातन सभ्यताओं में बलि प्रथा के कई साक्ष्य मिलते हैं. प्राचीन इतिहास इस तरह की क्रूर प्रथाओं से भरा पड़ा मिलता है. वर्तमान में इस तरह की रीतियों के बारे में विकासशील या अविकसित देशों में ही बहुत दुर्लभ मामलों में देखने-सुनने को मिलता है. लेकिन हाल ही इंग्लैंड में पुरातत्वविदों ने एक 2,000 साल पुराना किशोरी का कंकाल खोजा है, जो उल्टा (चेहरा नीचे की ओर) एक गड्ढे में दफन था. यह एक असामान्य दफनाने की स्थिति मानी जाती है, जो संभवतः एक हत्या या बलि से जुड़ा रहस्य हो सकती है. बलि चाहे किसी भी देश या संस्कृति में हुई हो, इनमें सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही बनती हैं.  

लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार बॉर्नमाउथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इस साल की शुरुआत में डॉरसेट नामक दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के काउंटी में एक सेल्टिक (प्राचीन यूरोपीय लोगों से संबंधित, जिनका संबंध आयरलैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और ब्रेटनी (फ्रांस) के लोगों से है या उनकी भाषा और संस्कृति से संबंधित हैं) स्थल की खुदाई कर रहे थे, जब उन्हें यह विचित्र दफन मिला. ब्रॉडकास्टर और कॉमेडियन सैंडी टोक्सविग द्वारा होस्ट किए जा रहे टीवी शो Sandi Toksvig’s Hidden Wonders की शूटिंग के दौरान यह खोज हुई. बॉर्नमाउथ यूनिवर्सिटी पुरातत्व अध्ययन के लिए ड्यूरोट्रिज नामक प्रोजेक्ट चलाता है, जो रोमन युग से पहले के ब्रिटिश बस्तियों का अध्ययन करता है.

हाथ बांधकर दी गई थी बलि

संभावित बलि दी गई किशोरी के पास कोई कब्र के साथ दफन की जाने वाली सामग्री नहीं मिली है और वह एक छोड़े गए गड्ढे के तल में उलटी पड़ी मिली. इसके साथ यह प्रमाण भी था कि उसके हाथ बंधे हुए थे, जो संकेत देता है कि संभवतः उसे ड्यूरोट्रिज जनजाति द्वारा बलि के रूप में मारा गया होगा. यह एक सेल्टिक समूह था जो लौह युग (आयरन एज) के दौरान ब्रिटेन में रोमन आक्रमण से पहले रहता था.

इसी स्थान पर मिला तीसरा कंकाल

यह इस स्थल पर मिली एकमात्र संदिग्ध हत्या की शिकार नहीं है. यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रसेल ने बताया, “हमने इस प्रोजेक्ट में दो और शव भी पाए हैं जो गड्ढों में उल्टे दफन थे. एक किशोरी, जो 2024 में मिली थी और दूसरी 2010 में, जो एक युवती थी और जिसका गला रेता गया था.” 2010 में मिली महिला के अवशेषों का पहले ही विश्लेषण किया जा चुका है, लेकिन 2024 और 2025 में मिली दो किशोरियों के कंकालों की अभी पूरी जांच नहीं हुई है. रसेल और उनकी टीम इन पर चोटों, बीमारियों, भोजन की आदतों और भौगोलिक उत्पत्ति के संकेतों की जांच करेंगे. 

बलि के कारणों पर शोध जारी

यह कब्रगाह ईसा पूर्व पहली सदी के शुरुआती या मध्य काल की मानी जा रही है यानी उस समय की, जब रोमन साम्राज्य ने दक्षिणी इंग्लैंड पर कब्जा नहीं किया था. रसेल ने कहा कि एक ही स्थान पर कई महिला बलियों की खोज इस बात की ओर इशारा करती है कि यह प्रथा पहले की सोच से कहीं अधिक सामान्य रही होगी. लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा, “हमें अभी तक यह समझ नहीं आया है कि इस तरह की बलि प्रथाओं को किन सामाजिक, राजनीतिक या पर्यावरणीय कारणों ने जन्म दिया.”

कैसा था सेल्टिक जनजातीय समाज और क्यों दी गई होगी बलि?

इस साल प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने डीएनए विश्लेषण से पाया कि ड्यूरोट्रिज जैसी सेल्टिक जनजातियाँ मातृवंशीय समाज पर आधारित थीं. यह बात रोमन लेखकों के वर्णनों से भी मेल खाती है. इससे यह स्पष्ट होता है कि पुरुष अपने विवाह के लिए पत्नी के गाँव जाते थे, न कि इसके विपरीत. इस मातृकेंद्रित समाज को देखते हुए यह चौंकाने वाली बात है कि अब तक मिली तीनों बलि की घटनाओं में महिलाएं और किशोरियाँ ही शामिल हैं. रसेल का कहना है कि संभवतः ये महिलाएं समाज के निचले तबके की थीं और उन्हें त्याज्य या बेचने योग्य या पीछा छुड़ाने के लायक (disposable) माना जाता था, खासकर अगर वे स्थानीय न हों या शासक परिवार से उनका संबंध न रहा हो.

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