सोना-चांदी में लगाया है पैसा? हो जाएं सावधान, ये 4 काम होते ही धड़ाम से गिरेंगी कीमतें! पढ़ें अपने काम की खबर
Gold Price: भारत में सोना-चांदी के भाव फिलहाल आसमान पर हैं, लेकिन दिवाली के बाद से कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. अक्सर लोग निवेश के लिए गोल्ड और सिल्वर को अच्छा ऑप्शन मानते हैं, लेकिन हाल ही में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिसके बाद से निवेशकों में हलचल मची हुई है. वर्तमान में सोने-चांदी की बढ़ी कीमतों का जिम्मेदार दुनिया में मची हलचल को बताया जा रहा है, लेकिन जैसे-जैसे हालात सामान्य होंगे तो कीमतों में गिरावट होना भी लाजमी है. ऐसे ही कुछ संकेत एक बार फिर मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में सोना प्रति 10 ग्राम 100000 रुपये तक लुढ़क सकता है. इसके पीछे 4 कारण बताए जा रहे हैं, आइए जानते हैं क्या है वो?
मंदी, युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत दुनिया के कई देशों पर टैरिफ अटैक के बाद से सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं. बीते कुछ समय से, खास तौर से दिवाली के बाद से ही भारत में सोने के दामों में गिरावट दर्ज की जा रही है, इसकी एक वजह वैश्विक शांति और देशों के बीच रिश्तों में आ रहे सुधार को बताया जा रहा है, जिसके बाद से निवेशकों का भरोसा एक बार फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगा है. रिपोर्ट की मानें तो आने वाले समय में सोना-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा सकती है.
1. अमेरिका-चीन के व्यापारिक रिश्तों में सुधार
अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुई ट्रेड वॉर ने एक बार फिर से दुनिया को चिंतित कर दिया था. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के नरम तेवर के चलते अब यूएस और चीन ट्रेड डील की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच चीन ने तेजी से अपने गोल्ड रिजर्व में इजाफा किया था, जिससे वो अमेरिका का मुकाबला कर सके. सोने की कीमतें बढ़ने का एक कारण इसे भी बताया जाता है.
2. अमेरिका और भारत में ट्रेड समझौता
भारत को अपना दोस्त कहने वाले अमेरिका ने ना सिर्फ चीन पर टैरिफ अटैक किया, बल्कि हिंदुस्तान पर ट्रंप ने 50 फीसदी तक टैरिफ लगाया. दुनिया जानती है कि भारत सोना का दूसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. पीली धातु की कीमतें बढ़ने की वजह से भारतीयों को बड़ा झटका लगा. ऐसे में अगर अमेरिका और इंडिया के बीच ट्रेड में सुधार होता है तो इसका असर सोने की कीमतों पर भी पड़ेगा. नए ट्रेड समझौते से भारत को विदेशी निवेश मिलेगा, जिससे डॉलक के मुकाबले रुपया मजबूत होगा. इससे भारत में सोना खरीदना सस्ता हो सकता है.
3. इजरायल और हमास में संघर्ष विराम
दुनिया में शांति के सूत्रधार बने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार तो नहीं मिला, लेकिन लंबे समय से चल रहे इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की शुरुआत का श्रेय दुनिया उन्हें ही दे रही है. मिडिल ईस्ट देश दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालते हैं, इजरायल और हमास के बीच लड़ाई ने निवेशकों को भी डरा दिया था, जिससे ग्लेबल बाजार में उथल-पुथल मची थी. इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की अगुवाई कर रहे डोनाल्ड ट्रंप अगर इसमें कामयाब होते हैं तो सोने की कीमतों पर भी इसका असर पड़ेगा.
4. पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीजफायर
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों शुरू हुए संघर्ष में दोनों तरफ से कई सैनिकों की जानें गईं, इसका असर वैश्विक बाजार पर भी पड़ा. हालांकि आपसी सहमती के बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर राजी हुए, अगर यह फैसला लंबे समय तक चलता है तो दक्षिण एशिया में भी आर्थिक स्थिरता को भढ़ावा और भरोसा मिलेगा. दोनों देशों का अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ज्यादा योगदान तो नहीं है, लेकिन शांति का माहौल निवेश को बढ़ावा देता है. निवेशकों का शेयर बाजार की तरफ वापस बढ़ना, मतलब सोने की मांग और कीमतों में गिरावट आना संभव है.