Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने मनुष्यजाति की भलाई के लिए कई तरह की बातों का जिक्र किया था जिन्हें आज भी उतने ही कारगर और फायदेमंद माना जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में उन लोगों के बारे में भी बात की है जिन्हें हर जगह अपमान या फिर आलोचना की झेलनी पड़ती है. उनका कहना है एक इंसान के जीवन में इज्जत या फिर सम्मान सबसे ज्यादा मायने रखता है. वह चाहता है कि घर, समाज और परिवार में उसे इज्जत मिले। लेकिन, कई बार ऐसा भी हो जाता है कि उसे मान-सम्मान की जगह सिर्फ आलोचना, ताने और अपमान ही झेलने पड़ते हैं. वे कहते हैं जब किसी के साथ ऐसा होता है तो वह अंदर से टूट जाता है और उसके अंदर का आत्मविश्वास भी खत्म हो जाता है. आचार्य चाणक्य ने ऐसी परिस्थितियों के लिए खास सीख दी है जो व्यक्ति को फिर से मजबूत बना देती है. तो चलिए जानते हैं जब आपके साथ ऐसा हो तो आपको करना क्या चाहिए?
अपमान करने वालों से दूरी बनाएं
आचार्य चाणक्य कहते हैं अगर आपकी बार-बार बेइज्जती हो रही है तो आपको उस जगह से निकल जाना चाहिए जहां ऐसा हो रहा हो, या फिर आपको उस इंसान का साथ छोड़ देना चाहिए जो आपकी बेइज्जती कर रहा हो. अगर आप समय रहते इनसे दूरी नहीं बनाते हैं तो आपका आत्मसम्मान पूरी तरह से खत्म हो जाता है. जीवन में ऐसे लोगों के साथ रहें जो आपको इज्जत दें, मोटिवेट करें और आपकी अच्छाइयों को समझें.
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खुद को कमजोर मत मानें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कई बार ऐसा भी होता है कि अपमान होने पर हम सोचने लगते हैं कि गलती उन्हीं की है. आचार्य चाणक्य ने इस सोच को गलत बताते हुए कहा है कि आपको कभी कभी खुद पर और खुद की काबिलियत पर शक नहीं करना चाहिए. ऐसे हालात से बाहर निकलने के लिए सबसे पहले अपनी ताकत और खूबियों को समझें. आपके अंदर का आत्मविश्वास ही आपको जीवन में आगे बढ़ाता है और समाज में इज्जत दिलाता है.
कभी-कभी चुप रहना भी फायदेमंद
चाणक्य नीति में बताया गया है कि आपके लिए हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं है. अगर कोई आपकी बेइज्जती कर रहा है तो कभी-कभी आपके लिए चुप रहना भी एक बुद्धिमानी भरा काम है. चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति सही समय देखकर ही जवाब देता है. गलत समय पर बोले गए शब्द बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं.
सफलता से बदल जाते हैं हालात
आचार्य चाणक्य कहते हैं दुनिया हमेशा सफलता के आगे झुकती है. इसी वजह से उन्होंने अपनी नीतियों में कहा है कि एक इंसान को जीवन में हमेशा मेहनत चाहिए. जब आप जीवन में मेहनत करके आगे बढ़ते हैं तो आपको ऊंचाई पर पहुंचने से कोई भी रोक नहीं पाता है. इसके अलावा जब आप ऊंचाई पर पहुंचते हैं तो वही लोग आपकी इज्जत करने लगते हैं जिन्होंने कभी आपकी बेइज्जती की थी.
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