UP Lick Urine Case: उत्तर प्रदेश के शीतला मंदिर के पास में कथित तौर पर पिटाई और पेशाब चाटने के लिए मजबूर किए जाने की घटना पर पीड़ित ने बताया, “मुझे पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया. जब मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो मुझे पेशाब चाटने के लिए और मजबूर किया गया. उन्होंने मुझे लात मारी और चले गए. बाद में, कई नेताओं ने मामले में हस्तक्षेप किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया. मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. हम एक मंदिर वाले शांतिपूर्ण इलाके में रहते हैं. इस कृत्य में शामिल लोग कटरा बाजार इलाके के पास रहते हैं.”
यूपी के डिप्टी सीएम ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया- दलित बुजुर्ग व्यक्ति को कथित तौर पर पेशाब चाटने के लिए मजबूर करने की घटना की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. पाठक ने कहा, “सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर संवेदनशील है और दलितों, गरीबों और वंचितों के साथ मजबूती से खड़ी है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. गहन जांच की जा रही है.”
क्या है मामला?
पुलिस ने बताया कि घटना 20 अक्टूबर को हुई थी, जब काकोरी थाना इलाके के पुराने बाजार इलाके में शीतला मंदिर के पास एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति रामपाल (60) को कथित तौर पर जमीन चाटने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उस पर वहां पेशाब करने का आरोप था.
अखिलेश और शिवपाल ने घटना को बताया अक्षम्य
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “किसी की भूल का अर्थ ये नहीं कि उसे अपमानजनक अमानवीय सजा दी जाए. परिवर्तन ही परिवर्तन लाएगा!” वहीं सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में एक बुजुर्ग व्यक्ति को कथित रूप से पेशाब चटवाने की घटना को बुधवार को निंदनीय और अक्षम्य बताया.
कांग्रेस ने बीजेपी आरएसएस पर लगाया गंभीर आरोप
कांग्रेस ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट डाला और लिखा, “उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता ने एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति को अपना पेशाब चाटने पर मजबूर किया. बुजुर्ग व्यक्ति एक मंदिर प्रांगण में बैठा था, तभी बीमारी के कारण उसने गलती से पेशाब कर दिया. गुस्साए संघ कार्यकर्ता ने मौके पर पहुंचकर उसे जातिसूचक गालियां दीं और पेशाब चाटने पर मजबूर किया.” हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी का संघ से कोई संबंध नहीं है.
स्वामी कांत उर्फ पम्मू के खिलाफ FIR
स्वामी कांत उर्फ पम्मू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.